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बारामूला में महिला सशक्तिकरण को मिली नई उड़ान; बंदूक नहीं, हुनर की ताकत दे रही सेना

Indian Army Empowerment Work in Kashmir: भारतीय सेना ने बारामूला में महिलाओं के लिए आधुनिक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया है, जहां बेसिक कंप्यूटर, फैशन डिजाइनिंग, साबुन और लिप बाम निर्माण जैसे कोर्स कराए जाएंगे. यह पहल स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.  

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सेना कश्मीर घाटी के नौजवानों के लिए बनी उम्मीद की किरण
सेना कश्मीर घाटी के नौजवानों के लिए बनी उम्मीद की किरण
Raihan Shahid|Updated: Jul 26, 2025, 04:02 PM IST
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Jammu Kashmir News Today: कश्मीर घाटी में जहां एक ओर भारतीय सेना सीमाओं की सुरक्षा में जुटी है, वहीं दूसरी ओर वह यहां के नौजवानों, खासकर महिलाओं के भविष्य को संवारने में भी अहम भूमिका निभा रही है. सेना न सिर्फ बंदूक चला रही है, बल्कि हुनर और उम्मीदों की नई रोशनी भी फैला रही है. इसी दिशा में सेना ने बारामूला जिले में महिलाओं के लिए एक आधुनिक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की है.

कश्मीर घाटी में एलओसी की सुरक्षा करते हुए भारतीय सेना लगातार यहां की स्थानीय आबादी, खासकर नौजवानों के सशक्तिकरण और तरक्की के लिए काम कर रही है. इसी कड़ी में भारतीय सेना की 'कीलो फोर्स' ने बारामूला जिले के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर महिलाओं के लिए एक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया है.

भारतीय सेना के कीलो फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने कहा कि कश्मीर में शांति और तरक्की लाने के लिए नौजवानों को शिक्षा और हुनर से लैस करना सेना की तरजीह में शामिल है. उनका मानना है कि आत्मनिर्भर और प्रगतिशील कश्मीर के निर्माण में यह कदम अहम भूमिका निभाएगा.

भारतीय सेना के मुताबिक, यह ट्रेनिंग केंद्र साल 2009 में बनाया गया था, और अब तक 1200 से ज्यादा युवाओं को कंप्यूटर आदि की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. अब इस केंद्र को अपग्रेड करके लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस कर दिया गया है, जिससे यह एक आधुनिक ट्रेनिंग केंद्र बन गया है जो स्थानीय नौकरियों और जरूरतों के मुताबिक तैयार किया गया है.

यह केंद्र युवाओं को बेसिक कंप्यूटर शिक्षा, फैशन डिजाइनिंग साथ ही घरेलू साबुन, लिप बाम बनाने और ड्राय एप्पल प्रोसेसिंग जैसी स्किल्स में तीन महीने के सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान करेगा. इस केंद्र में साबुन और लिप बाम निर्माण यूनिट और ड्राय एप्पल प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की गई हैं ताकि यहां का काम सतत रूप से चलता रहे. 

यह यूनिट्स स्थानीय सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स के साथ मिलकर काम करेंगी, जिससे खासकर महिलाओं के लिए रोजगार के नए मौके पैदा होंगे. इन उत्पादों को स्थानीय बाजार के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्रों में भी बेचा जाएगा. जिससे ऑर्गेनिक और हाथ से बने सामानों की डिमांड बढ़ाने में मदद मिले. भारतीय सेना घाटी के नौजवानों चाहे वे मर्द हों या औरत, के टैलेंट को निखारने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए नए-नए प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है.

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