Iran News: ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने कहा है कि IAEA चीफ राफेल ग्रोसी का बमबारी वाले जगहों पर सर्वे करने की ज़िद बेबुनियाद है और यह जानबूझकर नुकसान पहुंचाने वाला भी हो सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक IAEA हमले वाली साइट का सर्वे करना चाहता है, और ईरान इससे मना कर रहा है, यहां तक कि ईरानी पार्लियामेंट ने एक बिल को भी मंजूरी जो IAEA को न्यू्क्लियर फैसिलिटी में दखल देने से रोकता है.
उन्होंने कहा,"ईरान को अपने हितों, जनता और संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी कोई भी कदम उठाने का पूरा अधिकार है. ईरानी संसद ने IAEA के साथ सहयोग को निलंबित करने के पक्ष में वोट दिया है, जब तक कि हमारे न्यूक्लियर प्रोग्राम की सुरक्षा और रक्षा की गारंटी नहीं दी जाती."
उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रोसी की भूमिका इस मामले में पक्षपातपूर्ण रही है. उन्होंने यह छिपाने की कोशिश की कि IAEA ने दस साल पहले ईरान से जुड़े सभी पुराने मामलों को बंद घोषित कर दिया था.
अराक़ची ने यह भी कहा कि ग्रोसी ने, अपने पेशेवर फर्ज के खिलाफ जाकर, इन हमलों की खुलकर निंदा नहीं की, जो IAEA के नियमों और उसके संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने आगे कहा,"AEA और उसके महानिदेशक इस पूरी भयानक स्थिति के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं.
राफेल ग्रोसी का बमबारी झेल चुके स्थानों पर 'निरीक्षण' के नाम पर जाने की ज़िद न सिर्फ निराधार है, बल्कि जानबूझकर नुकसान पहुंचाने वाली भी हो सकती है." उन्होंने अपनी पुरानी बात को दोहराते हुए कहा कि ईरान को अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी जरूरी कदम को उठाने का अधिकार है.
बता दे, इजराइल ने 13 जून को ईरान पर हवाई हमला किया था. इस अटैक में न्यूक्लियर फैसिलिटी, साइंटिस्ट और मिलिट्री अधिकारियों को निशाना बनाया गया था. यह जंग 12 दिन चली और इसमें अमेरिकी ने भी अपना दखल दिया. जंग खत्म होने से दो दिन पहले अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाया था.