Ghaziabad News Today: ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध की वजह से भारत में कई परिवारों की नींद उड़ गई, इसकी वजह यह है कि उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य ईरान में रहा है. इस समय पूरा ईरान यहूदी सेना के हमले की जद में है और ऐसे में करीब 15 सौ से ज्यादा भारतीय छात्र ईरान में फंसे हुए हैं. ईरान में फंसे छात्रों में एक बच्चे का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से है.
गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र, बहेटा हाजीपुर निवासी एक परिवार की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि उनके बेटे रिजवान हैदर मेडिकल की पढ़ाई के लिए ईरान की राजधानी तेहरान में हैं. हालिया दिनों से इजराइल के जरिये ईरान के कई शहरों पर किए जा रहे क्रूर हमलों में रिजवान की जान खतरे में है. इस तरह की घटनाओं को सुनकर रिजवान के परिवार काफी परेशान है.
रिजवान हैदर की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्मिक अपील की है. रिजवान के वालिद ने बताया कि लगातार हो रही बमबारी की वजह से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को उनके हॉस्टल से निकालकर किसी दूसरी जगह भेज दिया था, लेकिन हालात इतने बिगड़ गए थे कि रिजवान को कई घंटों तक भूखे रहना पड़ा. जब उसने फोन पर अपनी परेशानी बताई, तो परिवार वालों ने उसे समझा-बुझाकर बाहर कुछ खाने के लिए जाने को कहा.
रिजवान के वालिद ने आगे बताया कि इसी दौरान रविवार (15 जून) की शाम करीब चार बजे, जब रिजवान हॉस्टल से कुछ दूरी पर स्थित एक होटल में खाना खाने गया था, तभी इजराइल की ओर से की गई बमबारी में उनका हॉस्टल भी चपेट में आ गया. उन्होंने बताया कि इजराइल का हॉस्टल पर हमला इतना भीषण था कि हॉस्टल की इमारत पूरी तरह से ढह गई. इस खबर ने रिजवान के परिजनों की परेशानियों में इजाफा कर दिया है. उनके वालिदैन और रिश्तेदार लगातार उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं.
पीड़ित परिजनों ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत उम्मीद है. रिजवान के पिता बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनका बेटा सलामत रहे. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि सरकार इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे और उनके बेटे को सुरक्षित भारत लाने का इंतजाम करे. फिलहाल, भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.