Israel Palestine Conflict: इजराइल की फिलिस्तीन के मजलूमों पर जालिमाना कार्रवाई जारी है. इजराइल के हमलों में अक्टूबर 2023 से अब 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि एक लाख से ज्यादा लोग घायल हैं. यहूदी सेना के हमले में ज्यादातर महिलाओं और बच्चों की मौत हुई. फिलिस्तीनी अधिकार संगठनों के जरिये जारी आंकड़ों के मुताबिक, इजराइल ने 7 अक्टूबर 2023 से अवैध कब्जे वाले वेस्ट बैंक से अब 12 सौ से ज्यादा फिलिस्तीनी बच्चों को जबरन हिरासत में लिया है.
फिस्तीनी बाल दिवस के मौके पर फिलिस्तीनी कमीशन फॉर डिटेनीज, फिलिस्तीनी प्रिजनर्स सोसाइटी और अडामीर प्रिजनर सपोर्ट एंड ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन के जरिये जारी एक संयुक्त बयान जारी कर बच्चों के लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए है. फिलिस्तीनी बाल दिवस हर 5 अप्रैल को मनाया जाता है.
संस्थानों के जरिये जारी संयुक्त बयान में बताया गया है कि इजराइली के जरिये बंदी बनाए गए बच्चों कड़ी सजा दी जाती है. उन्हें जेल में रोजाना यातना दी जाती है और उन्हें भूखा रखा जाता है और उन्हें जरुरी चिकित्सा सेवाओं से महरुम रखा जाता है. खौफनाक यातनाओं की वजह से गाजा युद्ध शुरू होने बाद बंदी बनाए गए पहले बाल कैदी की मौत हो गई. जिसकी पहचान 17 वर्षीय वलीद अहमद के रुप में हुई थी.
मृतक वलीद अहमद रामल्लाह के उत्तर-पूर्व स्थित सिलवद शहर के रहने वाले थे. उनकी उत्तरी इजराइल के मेगिद्दो जेल में हत्या कर दी गई थी. इजराइल जेल में नाबालिग वलीद अहमद के साथ हुई क्रूरता ने पूरी दुनिया सुर्खियों बटोरीं. संस्थाओं के जरिये बताया गया है कि हालिया दिनों में बच्चों को निशाना बनाकर की गई और उनकी गिरफ्तार की संख्या बेतहाशा बढ़ी है.
फिलिस्तीन संस्थानों ने बयान में दावा किया है कि इजराइल के जरिये गाजा में नरसंहार की कार्रवाई शुरू होने के बाद बच्चों के गिफ्तारी की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है. अकेले सिर्फ वेस्ट बैंक में कम से कम 1200 बच्चों को यहूदी सेना ने गिरफ्तार किया है. इसमें आगा कहा गया है कि जहां तक गाजा का सवाल है, तो इसकी सटीक जानकारी नहीं है. इजराइल की आपराधिक गतिविधियों और जबरन अपहरण करने की घटनाओं की वजह से कोई सटीक जानकारी नहीं है.
फिलिस्तीन के सामाजिक संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इजराइली नेताओं की जरिये किए जा रहे युद्ध अपराध की घटनाओं के लिए जवाबदेही तय करें. उन्होंने मांग की है कि इनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं और प्रतिबंध भी लगाया जाए. इजराइल की हिरासत में मारे गए 63 कैदियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 40 गाजा के हैं.
फिलिस्तीनी और इजरायली मानवाधिकार रिपोर्टों के मुताबिक, हाल में 9,500 से अधिक फिलिस्तीनी इजराइल की जेलों में मुश्किल हालातों का सामना कर रहे हैं. कैदियों में महिलाओं के साथ और 350 से अधिक बच्चे भी इजराइल की जेल में अवैध ढंग से कैद हैं. महिला और बाल कैदियों की हालात इजराइल की जेलों बहुत ही भयावह है.
फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में बीते समय में तनाव बढ़ गया है. इजराइली सैनिकों क्रूर कार्रवाई में 944 से ज्यादा फिलिस्तीनी मार दिए गए,इसके अलावा 7 हजार से अधिक लोग घायल है.
इससे पहले बीते साल जुलाई में इंटरनेशनल कोर्ट ने फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजराइल के जरिये किए गए जबरन कब्जे को अवैध घोषित कर दिया था. इसमें वेस्ट बैंक और ईस्ट जेरुसलम की सभी बस्तियों से इजराइल की सेना से खाली करने के कहा गया था. हालांकि इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकांश क्षेत्रों पर इजराइल ने जबरन कब्जा बरकरार रखा है.
फिलिस्तीनी बाल दिवस से एक रिपोर्ट जारी कर इजराइल हमलों को लेकर बड़ा दावा किया गया था, इसमें कहा गया था कि इजराइल के हमलों में 39 हजार से ज्यादा बच्चों ने सिर्फ माता या सिर्फ पिता या फिर दोनों को खो दिया है. इनमें से 17 हजार ऐसे बच्चें जो माता-पिता दोनों के प्यार से महरुम हैं और वह बेसहारा भटक रहे हैं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है.
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