Israel Hamas War: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि इजरायल गाजा में 60 दिनों के प्रस्तावित युद्धविराम के दौरान परमानेंट सीजफायर पर बातचीत के लिए तैयार है. उनका ये बयान अमेरिका के दौरे के दौरान आया है. हालांकि, नेतन्याहू ने परमानेंट सीजफायर के लिए एक शर्त भी रख दी.
नेतन्याहू का कहना है कि परमानेंट सीजफायर पर तभी बातचीत हो सकती है जब गाजा पूरी तरह से हथियार मुक्त हो जाए. इजरायल और हमास के बीच बातचीत रविवार से दोहा (कतर) में शुरू हुई है. इस बातचीत का मकसद अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद भड़की जंग में अस्थायी विराम लाना है.
नेतन्याहू ने वॉशिंगटन से एक वीडियो संदेश में कहा कि इस सीजफायर की शुरुआत में हम जंग को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए बातचीत शुरू करेंगे. लेकिन, हमास से उनकी कुछ शर्तें हैं.
1. हमास अपने हथियार डाल दे.
2. हमास के पास अब शासन चलाने या सैन्य ताकत ना रहे.
नेतन्याहू ने आगे कहा,"अगर ये चीजें बातचीत से हासिल हो सकती हैं तो अच्छी बात है. अगर 60 दिनों में ऐसा नहीं हो पाता तो हम इसे अन्य तरीकों से हासिल करेंगे. हमारी वीर सेना की ताकत से.
अमेरिका के मिडिल ईस्ट के दूत स्टीव विटकॉफ ने 60 दिनों के सीजफायर का प्रस्ताव रखा है, जिसके बदले गाजा में बचे 20 बंधकों में से आधे को रिहा किया जाएगा. नेतन्याहू ने बुधवार को बंधकों के परिवारों को बताया कि 60 दिन के युद्धविराम के दौरान कौन-कौन से बंधक रिहा होंगे, यह फैसला हमास करेगा.
नेतन्याहू ने कहा,"हम हर संभव कोशिश करेंगे कि इस दौर में ज्यादा से ज्यादा लोगों की रिहाई हो सके. लेकिन हर चीज़ हमारे हाथ में नहीं है.
बुधवार को हमास ने ऐलान किया कि वह 10 जीवित बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है. लेकिन, गुरुवार तक हमास ने किसी ऐसे समझौते का विरोध किया जिसमें गाजा में इजरायली सेना की मजबूत मौजूदगी बनी रहे.