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वक्फ अमेंडमेंट एक्ट पर घमासान, जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बताया सरकार के 'जायदाद छीनने का हथियार'

Jamaat-E-Islami Hind Statement: देशभर में वक्फ अमेंडमेंट एक्ट 2025 को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस कानून को मुसलमानों पर जुल्म बताया है. जमात की तरफ से मांग की गई है कि इस कानून से मुसलमानों के साथ ज्यादती हो रही है, ऐसे में सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए.  

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मलिक मोहतशिम खान- फाइल फोटो
मलिक मोहतशिम खान- फाइल फोटो
Raihan Shahid|Updated: Apr 11, 2025, 11:18 PM IST
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'Jamaat-E-Islami Hind on Waqf amendment Act 2025: वक्फ अमेंडमेंट एक्ट 2025 को लेकर विरोध का दायरा बढ़ता जा रहा है. इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक एक दर्ज से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं. इस बीच जमात-ए-इस्लामी हिंद के वाइस प्रेसिडेंट मलिक मोहतशिम खान का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि संसद बेशक कानून बनाने का हक है, लेकिन वक्फ कानून को बनाने में संविधान की मूल भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया है.

जमात-ए-इस्लामी हिंद के वाइस प्रेसिडेंट मलिक मोहतशिम खान ने कहा कि इस कानून को बनाते हुए संसद को संविधान का कुछ ख्याल करना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून जायदादों को हड़पने और छीनने का हथियार है. Waqf By User को खत्म कर दिया गया, ऐसे में हमारे बाप दादा ने कोई जमीन मस्जिद के लिए दी है और अगर उसका कागज नहीं है तो वह छीन ली जाएगी.

मलिक मोहतशिम खान ने कहा कि हुकूमत जिस जमीन को चाहे उस पर विवाद खड़ा कर सकती है. उन्होंने कहा कि देश में जहां भी मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे हैं, वहां कोई खड़ा हो कर दुहाई दे कि ये उसकी जमीन है तो अब इसका फैसला कलेक्टर या सरकार करेगी. यह फैसला सरकार के ही हक में जाएगा.

'वक्फ का मालिक अल्लाह है'

वक्फ संपत्तियों के उद्देश्य का जिक्र करते हुए मलिक मोहतशिम खान ने कहा, "वक्फ की जायदाद का मालिक हम आप नहीं बल्कि अल्लाह है. वक्फ बोर्ड इस्लामी इदारा है, लेकिन अब इसमें गैर मुस्लिम हो सकते हैं. वक्फ बोर्ड से मुसलमानों के वजूद से हटाना चाहते हैं. इस कानून के जरिए सरकार की मुसलमानों की जायदाद से बेदखल करने की कोशिश है."

उन्होंने कहा, "यूपी में मुसलमानों ने अपने बाहों पर काली पट्टी बांध ली तो उनपर जुर्माना लगा दिया गया, लेकिन उसी यूपी में चंद नौजवान ने दरगाहों पर चढ़कर अपने झंडे लहराते हैं तब कानून का उल्लंघन नहीं होता क्या?" मलिक मोहतशिम ने कहा, "हम सबको एकजुट होकर, एक ताकतवर विरोध करना होगा. विरोध के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है. इसलिए कि हमारे यहां के गैर- मुस्लिम और मेजोरिटी वर्ग के लोगों को पता चले कि हम मजलूम हैं.

मलिक मोहतशिम खान ने कहा, "संसद में अलग-अलग पार्टियों के गैर मुस्लिम भाइयों ने इस काले कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की. यह सिर्फ मुसलमानों की नहीं बल्कि देश का मसला है." उन्होंने कहा, "हम तो यह समझते आए थे कि ये देश सबका है, जहां सबको अपने धर्म का पालन करने की आजादी है. लेकिन अपने मजहब की आजादी नहीं है, अपने इदारे चलाने की इजाजत नहीं है."

'मुसलमानों पर हो रहा है जुल्म'

बीजेपी पर निशाना साधते हुए जमात-ए-इस्लामी हिंद के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा, "उनके पास ताकत है, लेकिन इस ताकत के साथ अगर जुल्म और नाइंसाफी करोगे तो इसका भारी नुकसान देश को उठाना होगा." उन्होंने कहा, "मुसलमानों से कहूंगा कि हमको दिल छोटा नहीं करना है. बुजदिली और मायूसी सही नहीं है, हमको पूरी ताकत के साथ समाज को साथ लाना चाहिए."

मलिक मोहतशिम खान ने तंज कसते हुए कहा, "सरकार ने मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला कानून बनाया है, वो मुसलमानों के बीच आकर कहते हैं कि आपकी भलाई के लिए बनाया है तो ये चोरी और सीनाजोरी है." उन्होंने कहा, "हम पर जुल्म हो रहा है और हुकूमत को इसको वापस लेना चाहिए."

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