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उमर अबदुल्ला ने क्यों कहा, "PM साहब इसे मेरी किस्मत कहें या कुछ और, लेकिन सियासत में मेरा डिमोशन हुआ है"

CM Omar Abdullah Statement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू कश्मीर में चेनाब रेल ब्रिज, वंदे भारत ट्रेन समेत 46 हजार करोड़ की परियोजनाओं को देश को समर्पित किया. इस मौके पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है.     

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जम्मू कश्मीर में पीएम मोदी के साथ सीएम उमर अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर में पीएम मोदी के साथ सीएम उमर अब्दुल्ला
Raihan Shahid|Updated: Jun 06, 2025, 06:03 PM IST
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PM Modi Jammu Kashmir Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (6 जून) को पहलगाम हमले के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने जम्मू कश्मीर में बुनियादी ढांचों के सुधार के लिए 46 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. साथ ही पीएम मोदी ने घाटी की पहली वंदे भारत ट्रेन और दुनिया के सबसे ऊंचे पुल 'चिनाब रेल ब्रिज' को देश को समर्पित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम साहब इसको किस्मत कहिये या मुकद्दर कहें. बीच में रेलवे के कई बड़े प्रोग्राम हुए और उनके साथ मुझे जुड़ने का मौका मिला. 

उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?

जम्मू कश्मीर में अपनी पूर्ववर्ती सरकार का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "शायद मेरी आखिरी हुकुमत के समय आपके साथ 2014 में मुलाकात हुई थी." उन्होंने आगे कहा, "उस प्रोग्राम में भी 4 लोग शामिल थे, इत्तेफाक से वो आज भी इस कार्यक्रम में शामिल हैं और स्टेज पर मौजूद हैं."

इशारों में ही मोदी सरकार पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने पर कटाक्ष किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "मेरा डिमोशन हुआ है. पहले मैं एक रियासत का मुख्यमंत्री था, जबकि अब मैं यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) का मुख्यमंत्री हूं." 

सीएम उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि अब जम्मू कश्मीर को दोबारा आपके हाथ से ही रियासत का दर्जा मिलेगा." उन्होंने आगे कहा, "इस प्रोजेक्ट का काम बिना अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिए बगैर पूरा नहीं हो सकता था, इससे लोगों को भरपूर फायदा होगा. ट्रेन के संचालन से जहाज (फ्लाइट्स) वाले लोगों की लूट बंद हो जाएगी."  

22 साल में चिनाब ब्रिज तैयार

दरअसल, चिनाब आर्च ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बना है. इस दौरान 2003 में पीएम मोदी में मंजूरी मिली थी। शुरुआती प्लान के मुताबिक इसे 2009 तक तैयार हो जाना था, लेकिन इसे पूरा होने में 22 साल लग गए. यह सवा किमी से ज्यादा लंबा है और नदी से ऊंचाई 359 मीटर है. 

चिनाब रेल ब्रिज मशहूर पेरिस के एफिल टावर (330 मीटर) से 29 मीटर ऊंचा है. इस पुल को बनाने की लागत 1486 करोड़ रुपए है. पीएम ने मोदी ने अंजी में बने भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज का भी उद्घाटन किया। यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है, जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है.

पीएम ने मोदी ने अंजी खड्ड पर बना भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज का भी उद्घाटन किया. यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है. 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है, जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है. यह ब्रिज अंजी नदी पर बना है जो रियासी जिले के कटरा को बनिहाल से जोड़ता है. चिनाब ब्रिज से इसकी दूरी महज 7 किमी है. इस पुल की लंबाई 725.5 मीटर है. इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है. 

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