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कश्मीरी मुसलमानों पर लगे दाग धोना चाहती हैं महबूबा मुफ़्ती; सरकार से पंडितों के लिए की एक ख़ास अपील

Mehbooba Mufti Statement: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मांग की कि ईद-उल-अजहा से पहले जम्मू कश्मीर की अलग-अलग जेलों में बंद कम गंभीर आरोपों वाले कैदियों को रिहा किया जाए. इस मौके पर उन्होंने जम्मू कश्मीर के हालिया मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर भी गंभीर आरोप लगाए. जानें क्या कुछ कहा?

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जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती
Zee Salaam Web Desk|Updated: Jun 02, 2025, 06:32 PM IST
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Jammu Kashmir News Today: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार (2 मई) को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. इस मौके पर महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों (KPs) को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आरक्षण देने की मांग की.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पंडितों के पलायन को लेकर जो धब्बा कश्मीरी मुसलमानों पर लगा है, उसे मिटाने का अब समय आ गया है. इसके लिए कश्मीरी पंडितों को राजनीतिक भागीदारी दी जानी चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर जुबानी हमला बोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए.

'नामांकन नहीं, आरक्षण चाहिए'

महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से कहा है कि केंद्र सरकार को यह संदेश दें कि कश्मीरी पंडितों को सिर्फ नामांकित करने के बजाय उन्हें आरक्षण दिया जाए, ताकि उनकी सही मायनों में सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीरी पंडितों को सशक्त नहीं किया जाएगा, तब तक उनकी घाटी में वापसी मुश्किल है.
 
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी पंडितों से जुड़े मुद्दे पर मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर भी बात की. महबूबा मुफ्ती ने मांग की कि स्थानीय लोगों को भी इस पवित्रा यात्रा में शामिल किया जाए, जो हर साल इस यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

ईद से पहले कैदियों की रिहाई की मांग

महबूबा मुफ्ती ने मांग की कि जिन कैदियों पर गंभीर आरोप नहीं हैं, उन्हें ईद-उल-अजहा से पहले रिहा किया जाए और जो लोग अलग-अलग जेलों में बंद हैं, उन्हें कश्मीर वापस लाया जाए.  पीडीपी प्रमुख की यह मांग कई मायनों में खास है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में यूएपीए, एनडीपीएस एक्ट, रेप और मर्डर समेत कुल 44 सौ से ज्यादा कैदी बंद हैं.

एक सवाल के जवाब में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद ही अपनी चुनी हुई सरकार को कमजोर कर रहे हैं. वक्फ बिल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब इस अहम मसले पर चर्चा की जानी चाहिए थी, तब उमर अब्दुल्ला ट्यूलिप गार्डन में केंद्रीय मंत्री का स्वागत करने में व्यस्त थे. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने ये मांगें उमर अब्दुल्ला से भी की हैं, अब देखना है कि सरकार क्या कदम उठाती है.

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