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Jharkhand: हजारीबाग में कैसे भड़क गया दंगा? 20 लोग हुए घायल

Jharkhand: झारखंड के हजारीबाग में हिंसा का मामला सामने आया है, जिसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. आखिर ये हिंसा कैसे हो गई? आइये जानते हैं डिटेल

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Jharkhand: हजारीबाग में कैसे भड़क गया दंगा? 20 लोग हुए घायल
Sami Siddiqui |Updated: Feb 27, 2025, 11:36 AM IST
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Jharkhand: झारखंड के हजारीबाग जिले में बुधवार को महाशिवरात्रि के दौरान भारी हंगामा हुआ. यह पूरा विवाद झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो ग्रुप के बीच हुआ है जिसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. आखिर क्या है पूरा मामला?

झारखंड के हजारीबाग़ में क्यों हुआ विवाद?

यह सब तब शुरू हुआ जब एक ग्रुप ने दूसरे दूसरे ग्रुप के मेंबर्स के जरिए एक स्कूल के सामने धार्मिक झंडे और लाउडस्पीकर लगाने पर आपत्ति जताई गई. इचाक पुलिस थाना इलाके के डुमरांव गांव का ये पूरा मामला है, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच नोक-झोक होने लगी जो बढ़कर दंगे में बदल गई.

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस ने बताया कि शब्दों की जंग हिंसा में बदल गई और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंके. कई दोपहिया वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया. सीनियर पुलिस अधिकारी पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रुप को तितर-बितर करने के लिए फोर्स का इस्तेमाल किया गया. पुलिस ने कहा है कि हालात संजीदा हैं, लेकिन कंट्रोल में हैं.

मंत्री बोले बांग्लादेशी जिम्मेदार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एख पुलिस अधिकारी ने कहा,""कानून व्यवस्था नियंत्रण में है. हम लोगों से अपील करते हैं कि वे महाशिवरात्रि को शांतिपूर्वक मनाएं." घटना पर अपनी बात रखते हुए रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ ने हिंसा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उन्हें बाहर निकालने के लिए कड़े कदम उठाने की गुजारिश की.

डेमोग्राफी को बदलना चाहते हैं बांग्लादेशी

उन्होंने कहा,"चाहे होली हो, सरस्वती पूजा हो, रामनवमी हो या महाशिवरात्रि, ऐसी घटनाएं सिर्फ झारखंड में ही क्यों होती हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश से आए घुसपैठिए यहां सांप्रदायिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को नष्ट करने और स्टेट की डेमोग्राफी को बदलने पर तुले हुए हैं."

घुसपैठियों की पहचान

उन्होंने आगे कहा,"भाजपा-एनडीए शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं बहुत कम होती हैं, चाहे वह दिल्ली हो, असम हो, मध्य प्रदेश हो, महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश हो, क्योंकि वहां घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है."

अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए सेठ ने कहा, "मैंने सीएम से यहां कानून व्यवस्था को मजबूत करने की गुजारिश की है. राज्य सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें बाहर निकालना चाहिए.

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