Kanwar: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी होटल और ढाबा मालिकों को डायरेक्ट किया कि वे अपने लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को साफ तौर पर डिस्पले करें, जैसा कि कानून के तहत जरूरी है.
जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह होटल या ढाबा मालिक का नाम और QR कोड जैसी अन्य बातों पर इस समय कोई आदेश नहीं दे रहे हैं, क्योंकि मंगलवार को कांवड़ यात्रा का अंतिम दिन है।
बेंच ने कहा कि हमें बताया गया है कि आज यात्रा का आखिरी दिन है, या जल्द ही यात्रा खत्म हो जाएगी. ऐसे में हम केवल इतना आदेश देंगे कि सभी होटल मालिक अपने-अपने लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को डिस्पले करना होगा.
यह आदेश प्रोफेसर अपूर्वानंद झा और अन्य के जरिए दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया. याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार के जरिए 25 जून को जारी एक प्रेस रिलीज का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि सभी खानपान दुकानों पर QR कोड लगाना जरूरी किया गया है, जिससे मालिकों की पहचान उजागर हो सके.
बता दें, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों के ऐसे ही आदेशों पर स्टे लगा दिया था, जिसमें कांवड़ मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों को मालिकों के नाम और दूसरी डिटेल पब्लिश करने को कहा गया था.