Karnataka: कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक सरकारी स्कूल की पानी की टंकी में ज़हर मिलाने के मामले में कई नई बातें निकलकर सामने आ रही हैं. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इस घटना में 11 छात्र बीमार हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, अब सभी छात्रों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.
इस मामले में मुख्य आरोपी का नाम सागर पाटिल है जो श्रीराम सेना की सावदत्ती तालुका यूनिट का चीफ है. बाकि गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम कृष्णा मदार और मंगनगौड़ा पाटिल हैं. पुलिस के मुताबिक पानी की टंकी में जहर मिलाने का असली मकसद हेडमास्टर को बदलना था क्योंकि वह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है.
बेलगावी के एसपी भीमाशंकर गुलेद ने बताया कि सागर पाटिल इस साजिश का मुख्य मास्टरमाइंड था. उसने कृष्णा मदार को धमकी देकर इस साजिश में शामिल किया कि अगर वह साथ नहीं देगा तो उसकी एक अन्य समुदाय की लड़की से रिश्ते की बात उजागर कर देगा.
आरोपी ज़हर मुन्नावली गांव से लाए थे, जिसे एक छात्र के रिश्तेदार के जरिए पानी की टंकी में मिलवाया गया था, जिसका पानी पीने के बाद से ही छात्रों की हालात बिगड़ने लगी थी और 11 को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि ये अपराध धार्मिक कट्टरता और नफरत से प्रेरित है. उन्होंने कहा था कि यह स्कूल के एक ईमानदार हेडमास्टर को बदनाम करने और हटाने की साजिश थी, जो पिछले 13 साल से सेवा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, "यह घटना मासूम बच्चों की हत्या का कारण बन सकती थी. यह एक भयानक उदाहरण है कि धार्मिक नफरत किस हद तक अमानवीय रूप ले सकती है."
इसी तरह की एक और घटना शिवमोग्गा जिले के हूविनाकोने गांव में सामने आई है, जहां स्कूल में पानी में कीटनाशक मिलाए जाने की सूचना पर कर्नाटक राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (KSCPCR) ने स्वत: संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज की है. आयोग ने इसे अक्षम्य कृत्य बताते हुए जिला शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी है. आयोग के सदस्य शशिधर कोसम्बे ने स्कूल स्टाफ की त्वरित कार्रवाई की तारीफ की, जिससे बड़ा हादसा टल गया.