Shahi Edgah Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में आज महत्वपूर्ण सुनवाई हुई है. हिंदू पक्ष सूट नंबर 13 के वादी की तरफ से शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज सभी पक्षों की बहस पूरी हो गई. हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद विवादित ढांचा घोषित करने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है.
इस मामले में हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई को होगी. जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. इससे पहलो कोर्ट में हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया कि मस्जिद पक्ष के पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है. राजस्व रिकॉर्ड में भी मस्जिद प्रॉपर्टी का कोई जिक्र नहीं है.
हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया कि शाही ईदगाह वक्फ प्रॉपर्टी भी नहीं है. एक कथित समझौते के आधार पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन को शाही ईदगाह को दे दी गई. उन्होंने दलील दी कि जिस जगह को शाही ईदगाह को दिया गया है, वह भगवान श्रीकृष्ण का गर्भ गृह है. तमाम धार्मिक ग्रंथों के साथ इतिहास के कई किताबों में भी उस जगह को हिंदू धर्म स्थान बताया गया है.
सीनियर वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि 1670 में मुगल आक्रांता औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट करके मस्जिद बनवाया था. आज भी वहां पर भगवान के विग्रह खंडित अवस्था में हैं. उन्होंने मांग की कि ऐसे अवस्था में या तो मंदिर घोषित किया जाए या फिर उसे विवादित ढांचा घोषित किया जाए. वहां की स्थिति ऐसी नहीं है कि उसे शाही ईदगाह कहा जाए.
शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग का मुस्लिम पक्ष ने कड़ा विरोध किया. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि अगर विवादित ढांचा घोषित कर देंगे तो हम वहां नमाज नहीं पढ़ सकेंगे. इस पर हिंदू पक्ष ने कहा कि वहां तो नमाज 1992 के बाद पढ़ी जाने लगी है. उससे पहले वहां नमाज नहीं होती थी.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर का केस लड़ रहे दिनेश फलाहारी ने बताया कि मुगल शासक औरंगजेब ने श्री कृष्ण जन्मस्थान पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए आज प्रयागराज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
बता दें, श्रीकृष्ण जन्मस्थान का दावा करते हुए मस्जिद को हटाने से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट में 18 मुकदमे चल रहे हैं. पिछली सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से राधा रानी को पार्टी बनाने की मांग वाली याचिका पर बहस हुई. इसका विरोध दूसरी तरफ से भी हिंदू पक्ष के ने ही किया है.
एक पक्ष ने दावा कि राधा रानी को पार्टी बनाना बहुत जरूरी है. इस याचिका का विरोध करते हुए दूसरे पक्ष ने तर्क दिया कि अब अगर राधा रानी को पार्टी बनाएंगे, तो फिर कोई व्यक्ति कहेगा कि भगवान कृष्ण के सखा को पार्टी बनाया जाए, फिर कोई कहेगा कि ग्वाल वालों को पार्टी बना जाये. दूसरे पक्ष ने कहा कि आज एडवोकेट रीना एन सिंह की तरफ से रुक्मणी जी को पार्टी बनाने के लिए प्रार्थना दी गई है, तो इस तरह से मामला लंबा हो जाएगा. हिंदू पक्ष ने कहा, "हम चाहते हैं कि यह मामला लंबा ना खिंचे और फैसला जल्द से जल्द हो.