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कुशीनगर में 20 साल पुरानी मस्जिद पर मुसलमानों ने खुद चलाया हथौड़ा; जानें क्या है वजह?

UP Masjid Demolition Case: उत्तर प्रदेश में एक और मस्जिद को भारी विरोध के बाद हटाया जा रहा है. हिंदूवादी संगठन से जुड़े एक शख्स ने सालों पुरानी मस्जिद के खिलाफ तहसीलदार कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. यूपी में सरकार लगातार मस्जिद, मदरसों, ईदगाह और मजारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. 

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कुशीनगर में मुसलमानों ने मस्जिद तोड़ी
कुशीनगर में मुसलमानों ने मस्जिद तोड़ी
Raihan Shahid|Updated: Jul 09, 2025, 11:31 PM IST
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Kushinagar News Today: उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के धार्मिक जगहों और शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसी क्रम में एक हिंदूवादी नेता के विरोध के बाद कुशीनगर जिले में सालों पुरानी एक मस्जिद को इंताजामिया ने हटाना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि तमकुही तहसील के गड़हिया चक चिंतामणि गांव की यह मस्जिद सार्वजनिक रास्ते पर बनी है.

करीब दो दशक से भी पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस मस्जिद का निर्माण किया था. हालांकि, सियासी शह मिलने के बाद हिंदूवादी संगठन के एक नेता ने मस्जिद को लेकर विरोध शुरू कर दिया और प्रशासन में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जांच में पता चला कि यह मस्जिद पीडब्ल्यूडी की सरकारी जमीन पर बनी है.

एडीएम कोर्ट से नहीं मिली राहत

अरविंद किशोर शाही नाम के शख्स ने इस मस्जिद को हटवाने के लिए प्रशासन से शिकायत की थी. अरविंद किशोर ने मस्जिद के खिलाफ तहसीलदार न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. तहसीलदार कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2024 को मस्जिद को हटाने का आदेश जारी किया और प्रशासन ने 3 मार्च 2025 को नोटिस चस्पा करते हुए 8 अप्रैल तक मस्जिद खाली करने का अल्टीमेटम दिया.

मस्जिद कमेटी ने इसके खिलाफ एडीएम कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली और बेदखली का आदेश बरकरार रहा. इसके बाद मस्जिद पर बुलडोजर चलने की संभावना तेज हो गई थी. हालात को देखते हुए मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने खुद ही मस्जिद को तोड़ने का फैसला किया. इंतजामिया ने मजदूरों को लगाकर मशीन और हथौड़ों की मदद से मस्जिद को हटाने का काम शुरू कर दिया.

मस्जिद कमेटी का पक्ष

पूर्व प्रधान और मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदस्य इस्लाम अंसारी ने बताया कि यह मस्जिद पहले सहमति से बनाई गई थी और उस समय किसी ने आपत्ति नहीं की थी. अब जब कानूनी आदेश आ गया है तो उन्होंने खुद ही मस्जिद को तोड़ने का फैसला लिया ताकि बुलडोजर की कार्रवाई से पहले मामला शांतिपूर्वक सुलझ जाए.

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