Kushinagar News Today: उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों को लगातार हिंदू संगठन निशाना बना रहे हैं. इन संगठनों को काफी हदतक सरकार का सरंक्षण हासिल है. प्रदेश के कुशीनगर जिले के चिंतामणि गडहिया गांव में सालों पुरानी एक मस्जिद को लेकर हिंदूवादी संगठन विरोध कर रहे थे, जिसे बाद अब मुसलमानों ने विवाद से बचने के लिए मस्जिद को खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया है.
मिली जानकारी के मुताबिकि, कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील के चिंतामणि गडहिया गांव में एक मस्जिद और ईदगाह है. इसका निर्माण सालों पहले किया गया था और गडहिया मस्जिद के नाम से मशहूर थी. इसको लेकर हिंदूवादी नेताओं ने विरोध जताते हुए जिला प्रशासन से शिकायत की थी. जिसका कुशीनगर प्रशासन मस्जिद और ईदगाह को सरकारी जमीन में बताया था.
यह मस्जिद गांव की राजस्व भूमि गाटा संख्या 645 और 648 पर बनी थी. प्रशासन ने इस हिस्से को सरकारी जमीन बताया है. हिंदूवादी संगठन सनातनी सेना के अध्यक्ष अरविंद किशोर शाही ने प्रशासन से इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद प्रशासन ने जांच पड़ताल कार्रवाई शुरू कर दी. प्रशासन से नोटिस मिलने के बाद मस्जिद कमेटी के साथ शांति पसंद लोगों ने इसको तोड़ना शुरू कर दिया.
बीते साल 27 अक्टूबर 2024 को तहसील प्रशासन ने धारा 67 के तहत मस्जिद के बेदखली का आदेश जारी किया था. इसी साल 3 मार्च को प्रशासन ने मस्जिद पर नोटिस चस्पा कर बुलडोजर कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश के खिलाफ एडीएम कोर्ट और फिर प्रयागराज हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली.
हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि एडीएम कोर्ट 6 महीने के अंदर मामले का निस्तारण करे, जिसके बाद तीन महीने की सुनवाई में तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखा गया.
प्रशासन के बुलडोजर चलाने से पहले ही मुस्लिम पक्षकारों ने खुद हथौड़ा चलाकर गडहिया मस्जिद और ईदगाह को गिराना शुरू कर दिया. यह मामला अब कुशीनगर के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रशासन ने कहा है कि कानून के तहत कार्रवाई जारी रहेगी और राजस्व भूमि पर कोई भी अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: छांगुर बाबा का घर गिराने पर मौलाना चांद सख्त; योगी सरकार को दिलाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश की याद