Bahraich News: भारत-नेपाल की बॉडर पर सोमवार को फिर से एक मदरसे पर ताला लगाया गया है. बताया गया है कि यह मदरसा तकरीबन 40 सालों से खेल के मैदान की जमीन पर चलाया जा रहा था. अब तक प्रशासन ने जिले के नौ मदरसों को खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है.
भारत-नेपाल सीमा से सटे मदरसों की जांच होने के साथ अवैध तरीको से चल रहे मदरसों पर सख्त कार्रवाई के लिए मुहिम चलाया जा रहा है. इस मुहिम की कड़ी में थाना मोतीपुर इलाके के बलई गांव में बने मदरसा जामिया गुलशने रजा हबीबुलु उलुम को सील कर दिया गया है. यह मदरसा 40 सालों से खेल के मैदान की जमीन पर संचालित था.
यह कार्रवाई तहसीलदार और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की संयुक्त टीम ने की है. इस अभियान को लेकर अब तक नौ मदरसो पर कार्रवाई की जा चुकी है. नो मेंस लैंड के इलाके में 107 अवैध मदरसे हैं, जिसमें अभी भी 98 मदरसों पर कार्रवाई बाकी है.
मदरसा सील करने पर संचालक का बयान
मदरसा सील करने के मामले पर मदरसा संचालक मेंहदी हसन ने कहा' "जब मदरसे को खोला गया था तो जमीन मदरसे की ही थी. बाद में क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है." प्रशासन ने बताया है कि संचालक ने उन्हें न मदरसें में पढ़ रहे बच्चों का विवरण दिया और न ही फंडिंग की कोई जानकारी दी है.
491 मदरसें गैर मान्यता प्राप्त
भारत-नेपाल बॉडर पर कुल 792 मदरसे है, जिसमें से 491 बिना रजिस्ट्रेशन के चलाए जा रहे हैं. नानपारा तहसील में 107 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त है, जबकि बहराइच में 106 मदरसे, 105 मदरसे कैसरगंज तहसील इलाके और 71 मदरसे पयागपुर इलाके में है. इन मदरसों में नेपाल, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार तक के बच्चे पढ़ते हैं. इन मदरसों में बच्चों को किताब, खाना और रहने की सुविधा दी जाती है.
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