Ahmednagar News: महाराष्ट्र का अहमदनगर जिले का गुहा गांव बीते कुछ सालों से फिरकावाराना कशीदगी का मरकज़ बन गया है. गांव में मौजूद एक मजार को लेकर दो कम्यूनिटीज के बीच संजीदा तनाजा छिड़ा हुआ है. इल्जाम है कि हिंदू कम्यूनिटी के कुछ लोगों ने मजार पर अपना हक जमा लिया है. जिसके विरोध में इलाकाई मुसलमान पिछले 537 दिनों से कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हैं.
तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि गांव के बहुसंख्यक हिंदू समुदाय से लोगों कहा गया है कि वह मुस्लिमों का सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार करें. रिपोर्ट्स के अनुसार, मुसलमानों से बातचीत पर भी रोक लगा दी गई है, जिससे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और आजीविका दोनों प्रभावित हुई हैं.
इस टीम में सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी, फिरोज मिथिबोरवाला, मेधा कुलकर्णी सहित कई सदस्य शामिल थे. उन्होंने गांव में दोनों समुदायों के लोगों से बातचीत कर जमीनी हकीकत को समझने की कोशिश की. गुहा गांव के मुद्दे को लेकर मुंबई के इस्लाम जिमखाना में भी एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई.
इस बैठक में मजहबी रहनुमा, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक नेता शामिल हुए और उन्होंने अपने-अपने सुझाव रखे ताकि गांव में फैली नफरत को रोका जा सके और मुस्लिम समुदाय के सामाजिक व आर्थिक बहिष्कार को खत्म किया जा सके.
बैठक में मौलाना मोइन मियां और सईद नूरी जैसे मुस्लिम धर्मगुरु मौजूद थे. इसके अलावा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक आरिफ नसीम खान, AIMIM के पूर्व विधायक वारिस पठान, और पूर्व विधायक यूसुफ अब्राहिमी भी बैठक में पहुंचे. कई सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं ने भी इस पहल में भाग लिया और शांति बहाली के लिए कदम उठाने की मांग की.
बैठक में शामिल लोगों ने राज्य सरकार से अपील की कि वह गुहा गांव में बढ़ रही नफरत को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करे, और पीड़ित मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा, न्याय और रोज़गार के लिए मौका मुहैया कराए. साथ ही, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाने की भी मांग की गई.