Maharashtra News Today: संसद के दोनों से सदनों से वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद देश में सियासी पारा हाई हो गया है. शिवसेना (UBT) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने वक्फ बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने शनिवार (5 अप्रैल) को दावा किया केंद्र और भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के कई बड़े नेता आखिर वक्त तक वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए समर्थन मांगने के वास्ते उनकी पार्टी के संपर्क में थे.
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत आरोप लगाया कि सरकार यह विधेयक भ्रष्टाचार को कानूनी ढांचे में लाने और बीजेपी अपने करीबी उद्योगपतियों के लिए दो लाख करोड़ रुपये की जमीन हड़पने के लिए लाई है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने नवीन पटनायक के अगुवाई वाली बीजू जनता दल (BJD) पर लोकसभा में विधेयक का समर्थन करने के लिए आखिरी क्षण तक दबाव डाला था. हालांकि बीजेडी ने बिल का विरोध किया, लेकिन उसने अपने सदस्यों को कोई व्हिप जारी नहीं किया और उन्हें अपने विवेक से वोट करने के लिए कहा.
राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने मीडिया से कहा, "उन्होंने हमारे साथ भी ऐसा ही किया, लेकिन हम सहमत नहीं हुए है. आखिरी वक्त तक महाराष्ट्र और दिल्ली के सीनियर भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवसेना के संपर्क में थे." उन्होंने कहा, "विधेयक को भारी बहुमत से पारित नहीं किया गया है और सरकार को 300 वोट भी नहीं मिले. संजय राउत ने कहा, "हमारे (विपक्ष के) सदस्यों की संख्या बढ़ सकती थी, लेकिन हमारे कुछ सदस्य मौजूद नहीं थे या बीमार थे."
बीजेपी पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा कि "वक्फ बिल का हिंदुत्व से कोई लेना देना नहीं है, यह एक आम बिल है और ऐसे में अगर कोई इसे हिंदुत्व से जोड़कर देख रहा है तो वह मूर्ख है." उन्होंने कहा कि अगर इस बिल किसी का कोई संबंध है तो इसका साफ मकसद है कि भविष्य में कुछ उद्योगपतियों के लिए वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा करना आसान हो जाए.
हालांकि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की राय इस बिल पर अलग-अलग है. कांग्रेस, डीएमके ने वक्फ बिल पर कोर्ट का रुख किया है. दूसरी तरफ बहुत जल्द आरजेडी ने भी इस बिल के खिलाफ कोर्ट याचिका दायर करने का ऐलान किया है. इसके उलट शिवसेना ने वक्फ बिल का लोकसभा और राज्यसभा में पुरजोर विरोध किया था, लेकिन में जाने से इंकार कर दिया है.
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