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वक्फ बोर्ड पर है मोदी सरकार की टेढ़ी नजर! लगाम कसने की है तैयारी, संसद में होगा बिल पेश

Waqf Board: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है. जराए के मुताबिक इसी सप्ताह मोदी कैबिनेट ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन पर चर्चा की है. पूरी खबर पढ़ने ेक लिए नीचे स्क्रॉल करें.

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वक्फ बोर्ड पर है मोदी सरकार की टेढ़ी नजर! लगाम कसने की है तैयारी, संसद में होगा बिल पेश
Tauseef Alam|Updated: Aug 04, 2024, 08:05 AM IST
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Waqf Board: नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ बोर्ड पर कंट्रोल करने की तैयारी कर रही है. वह इसकी किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' घोषित कर उसकी अनियंत्रित शक्तियों पर लगाम लगाना चाहती है. जराए के मुताबिक 2 अगस्त की शाम कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में 40 से ज्यादा संशोधनों पर चर्चा की. 

बोर्ड के पास इतनी है संपत्ति
गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड के पास पूरे मुल्क में लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियां हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार वक्फ बोर्ड के दावे का सत्यापन करने पर विचार कर रही है. उन संपत्तियों का भी सत्यापन किया जा सकता है, जिन्हें लेकर वक्फ बोर्ड और मालिकों के बीच विवाद है.

संसद में पेश होगा बिल
जराए ने संकेत दिया है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक इसी सप्ताह पार्लियामेंट में पेश किए जाने की उम्मीद है. जराए ने यह भी कहा कि संपत्तियों के सत्यापन के दो प्रावधानों से वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर लगाम लगेगा. फिलहाल इन इदारों को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में टैग करने का अधिकार है. देशभर में वक्फ बोर्ड के पास 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हैं. 

कई सालों से बदलाव की मांग
सूत्रों ने बताया कि इस तरह के कानून की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों की तरफ से मौजूदा कानून में बदलाव की लगातार मांग की जा रही थी. संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा इलेक्शन से काफी पहले ही शुरू हो गई थी.

इन देशों में नहीं है वक्फ बोर्ड के पास अधिकार
सूत्र ने यह भी बताया कि ओमान, सऊदी अरब और दूसरे इस्लामिक देशों के कानूनों का प्रारंभिक अवलोकन करने पर पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने इतने अधिकार नहीं दिए हैं. साल 2013 में यूपीए सरकार के दौरान वक्फ बोर्डों को और ज्यादा व्यापक अधिकार प्रदान करने के लिए मूल अधिनियम में संशोधन लाए गए थे. इसके बाद वक्फ बोर्ड और संपत्तियों के मालिक के बीच विवाद बढ़ गया.

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