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कम नहीं हो रही है मुफ्ती सलमान अजहरी की मुश्किले; दूसरे मामले में एक और FIR दर्ज

Mufti Salman Azhari: नफरती भाषण मामले में शनिवार को जूनागढ़ में दर्ज FIR में अजहरी को 4 फरवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था और गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) का एक दल अहमदाबाद ले आया था.

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कम नहीं हो रही है मुफ्ती सलमान अजहरी की मुश्किले; दूसरे मामले में एक और FIR दर्ज
Tauseef Alam|Updated: Feb 06, 2024, 08:52 PM IST
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Mufti Salman Azhari: गुजरात में पुलिस ने आज यानी 6 फरवरी को मुंबई के मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी के खिलाफ कच्छ जिले के सामाखियारी में एक धार्मिक कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के इल्जाम में एक और मुकदमा दर्ज किया है. अजहरी के खिलाफ यह दूसरी प्राथमिकी है. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है.

नफरती भाषण देने के इल्जाम में हुई थी गिरफ्तारी
इससे पहले नफरती भाषण मामले में शनिवार को जूनागढ़ में दर्ज FIR में अजहरी को 4 फरवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था और गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) का एक दल अहमदाबाद ले आया था. इसके बाद अहमदाबाद से अजहरी को जूनागढ़ ले जाया गया था. कच्छ (पूर्व) के पुलिस अधीक्षक सागर बाघमार ने कहा, ‘‘31 जनवरी को सामाखियारी में आयोजित एक धार्मिक समारोह में भड़काऊ भाषण देने के लिए मुफ्ती सलमान अजहरी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है. कार्यक्रम के लिए पुलिस की इजाजत दी गई थी, लेकिन भाषण की सामग्री जूनागढ़ कार्यक्रम के समान थी जिसका (आयोजन) उसी दिन किया गया था.’’

IPC की धारा के तहत मुकदमा दर्ज
उन्होंने कहा कि कच्छ जिले में हुए कार्यक्रम के सिलसिले में अजहरी पर IPC की धारा 153बी और 505 (2) के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया है. गुजरात पुलिस ने 31 जनवरी की रात जूनागढ़ में 'बी' डिवीजन पुलिस थाने के पास एक खुले मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर नफरती भाषण देने के इल्जाम में मौलाना अजहरी को मुंबई से गिरफ्तार किया था. अजहरी का सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की.

वायरल वीडियो के आधार पर दर्ज किया गया मुकदमा
वीडियो वायरल होने के बाद, अजहरी और कार्यक्रम के स्थानीय आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है. मलिक और हबीब को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि अजहरी को अगले दिन गिरफ्तार किया गया. जूनागढ़ प्राथमिकी के मुताबिक, गिरफ्तार व्यक्तियों ने सभा के लिए पुलिस से यह कहते हुए इजाजत ली थी कि अजहरी मजहब के बारे में बात करेंगे और नशामुक्ति पर जागरूकता फैलाएंगे. पुलिस दस्तावेज में कहा गया है कि इसके बजाय, अजहरी ने एक भड़काऊ भाषण दिया. 

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