Muharram Tazia: मुहर्रम के मौके पर 54 फीट ऊंचा ताज़िया निकालने की इजाजत मांगने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से याचिकाकर्ताओं को कोई राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने साफ किया कि बिना प्रशासनिक इजाजत लिए केवल आशंका के आधार पर दाखिल की गई याचिका कबूल नहीं की जा सकती.
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने संभल निवासी अल्ताफ हुसैन और कई दूसरे लोगों की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है.
पिटीशनर्स की तरफ से पेश अधिवक्ता जय सिंह यादव ने कोर्ट को बताया कि आने वाली 6 जुलाई को मुहर्रम है और उनके मुवक्किल साल 1929 से लगातार 54 फीट ऊंचा ताज़िया निकालते आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि थाना कोतवाली प्रभारी ने 22 जून को एक नोटिस जारी कर यह हिदायत दी है कि जुलूस में कोई भी ऐसी एक्टिविटी न की जाए जिससे कानून व्यवस्था बिगड़े.
पिटीशनर्स का कहना था कि इस बार पुलिस ताज़िया की ऊंचाई पर आपत्ति जता रही है और इसे सीमित करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि पुलिस की तरफ से ताज़िया के आकार को लेकर कोई लिखित प्रतिबंधात्मक आदेश जारी नहीं किया गया है.
कोर्ट ने कहा कि जब किसी अधिकार का हनन हुआ ही नहीं है और कोई प्रतिबंध स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं है, तो महज अंदेशे के आधार पर दाखिल याचिका विचार योग्य नहीं है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को पहले सक्षम प्रशासनिक प्राधिकारी के समक्ष अनुमति के लिए आवेदन देने की सलाह दी और इसी निर्देश के साथ याचिका को निस्तारित कर दिया.