Mumbai News Today: महाराष्ट्र में मुसलमानों के साथ भेदभाव और भाषा के नाम पर होने वाली ज़्यादतियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला नवी मुंबई के उरण क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक मुस्लिम ओला ड्राइवर को सिर्फ इसलिए मारापीटा किया गया क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर सका. इस पूरी घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब रोजगार के लिए भी भाषा और धर्म की परीक्षा देनी पड़ेगी?
पीड़ित ड्राइवर मोहम्मद हबीब शेख, मुंबई के मानखुर्द इलाके के रहने वाले हैं. हबीब ने बताया कि 12 जुलाई को वह गोरेगांव से एक पैसेंजर को लेकर उरण गया थे. वापसी में जब उन्हें वाशी की बुकिंग मिली, तो उन्होंने स्वीकार कर लिया. लेकिन उरण में कुछ स्थानीय ऑटो ड्राइवरों ने उनका रास्ता रोक लिया और सवारी बिठाने से मना कर दिया. इतना ही नहीं उन लोगों ने हबीब के साथ मारपीट भी की. घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
इस दौरान ऑटो ड्राइवर्स एक ग्रुप ने हबीब से गाली-गलौज की और जबरन मराठी में बात करने का दबाव डाला. वायरल वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि एक शख्स कह रहा है, "मराठी में बोलो, हमें हिंदी समझ नहीं आती." हालांकि, धमकी देने वाले आरोपी खुद हिंदी में बोलते हुए नजर आते हैं. डर के चलते हबीब को बीच रास्ते में ही पैसेंजर को उतारना पड़ा. इस घटना की किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी.
हादसे के बाद हबीब स्थानीय पुलिस थाने अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. पुलिस की किरकिरी होने पर नवी मुंबई के डीसीपी प्रशांत मोहिते ने मीडिया से कहा कि "पुलिस पीड़ित ड्राइवर से संपर्क कर रही है, बयान दर्ज होने के बाद कार्रवाई की जाएगी." मुस्लिम ड्राइवर के साथ हुई इस घटना के बाद लोगों में दहशत फैल गई है.
घटना के बाद कई ओला और उबर ड्राइवर अब उरण की सवारी लेने से कतराने लगे हैं. हबीब के मुताबिक, ड्राइवरों को डर है कि अगर उन्होंने उरण से किसी को बिठाया तो उनके साथ भी ऐसी ही बदसलूकी हो सकती है. यह मामला सिर्फ भाषा का नहीं बल्कि रोजगार, सम्मान और सुरक्षा का है. मुसलमानों को अभी तक सिर्फ धार्मिक आधार पर निशाना बनाया जाता रहा है और अब भाषा के आधार पर भी उनके साथ हिंसा की जा रही है.