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Mumbai Train Blast: 19 साल बाद जेल से रिहा एहतेशाम, पिता ने बताया कैसे बीते इतने साल

Mumbai Train Blast: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में मुंबई हाई कोर्ट ने 12 लोगों को बरी कर दिया था. अब इस मामले में बरी हुए एहतेशाम के वालिद का बयान आया है. उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद का शुक्रिया अदा किया है.

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Mumbai Train Blast: 19 साल बाद जेल से रिहा एहतेशाम, पिता ने बताया कैसे बीते इतने साल
Sami Siddiqui |Updated: Jul 22, 2025, 10:23 AM IST
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Mumbai Train Blast: उत्तर प्रदेश के खेता सराय थाना क्षेत्र के जूनापुर के एहतेशाम सिद्दीकी को लगभग 19 साल पहले हुए मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. अदालत के फैसले की खबर मिलते ही उनके परिवार समेत गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. उनके परिवार समेत गांव के लोगों ने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कोशिशों की सराहना की और मौलाना अरशद मदनी की लंबी उम्र की दुआ की.

एहतेशाम के पिता ने ज़ाहिर की भावना

एहतेशाम सिद्दीकी के पिता कुतुबुद्दीन सिद्दीकी ने इंक़लाबा संवाददाता से अपने ख्यालात का इजहार करते हुए कहा कि सब कुछ अल्लाह की रहमत और मौलाना अरशद मदनी की कोशिशों की वजह से मुमकिन हो पाया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जरिए लड़ी गई लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मेरे बेटे और अन्य आरोपियों को रिहा कर दिया गया है और मैं जमीयत उलेमा, खासकर मौलाना की सेवाओं को कभी नहीं भूल पाऊंगा."

12 आरोपियों को सुनाई थी सजा

दरअसल, मुंबई ब्लास्ट मामले में मुंबई की एक कोर्ट ने एहतेशाम सिद्दीकी समेत बारह आरोपियों में से पांच को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन मौलाना अरशद मदनी ने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे. हम लड़ेंगे और ईश्वर की इच्छा से एक दिन सभी आरोपी निर्दोष साबित होंगे और ईश्वर ने वह दिन दिखाया कि मेरा प्यारा भाई सभी आरोपों से बाइज़्ज़त बरी हो जाएगा.

एहतेशाम कर रहे थे केमिकल इंजीनियरिंग

उनके पिता ने कहा कि मैं खुद तो नहीं पढ़ सका लेकिन अपने बच्चों को अच्छी एजुकेशन देना चाहता था और नौकरी का सपना लेकर सऊदी अरब गया था. एहतेशाम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गाँव के स्कूल से पूरी की थी. महाराष्ट्र कॉलेज से इंटर के बाद एहतेशाम ने केमिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था. लेकिन, चौथे साल में उसे आरोपी करारकर दिया गया और जेल भेज दिया गया

जेल में रहते कानून की पढ़ाई

एहतेशाम के पिता कहते हैं कि जेल जाने के बाद मेरे सारे सपने टूट गए, उसके जेल जाने के बाद परिवार पर भी काफी असर पड़ा. सारी जिम्मेमादरियां मेरे सिर पर आ गई. लेकिन एहतेशाम सिद्दीकी ने हार नहीं मानी और जेल में रहते हुए कुरान याद किया, और फिर कानून की पढ़ाई शुरू कर दी. इस साल उनकी पढ़ाई पूरी हो जाएगी. उनके पिता कहते हैं कि परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे इलाके को यकीन था कि वह बेगुनाह थे. हर कोई उनकी रिहाई के लिए दुआ करता था.

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