Tabrez Rana on Aurangzeb: दिवंगत कवि मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा ने कहा है कि औरंगजेब ने 48 साल देश पर शासन किया अगर वह इन 48 सालों में हमारे हिंदू भाईयों का कत्लेआम करता तो कितने कर लेता. क्या रह जाते हमारे हिंदू भाई? खुदा न करे अगर वह हमारे मंदिर शहीद करता तो क्या बचते हमारे मंदिर? यहां 10 साल की हुकूमत नहीं है और न जाने कितनी जगह बुलडोजर चल गया. औरंगजेब के जमाने में न आप थे और न ही सोशल मीडिया था, जो उसे करना होता वह कर लेता.
समाजवादी पार्टी लीडर अबू आसिम को बजट सेशन से निलंबित करने के बाद तबरेज ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने शेर कहा, शायर यह जर्फ है हमारा, जो खामोश हूं अब तक, हमें तो तेरे ऐब भी मालूम हैं सारे. हर जुर्म मेरी ज़ात से मंसूब है इतना, कि अब शहर में मासूम है सारे?
उन्होंने आगे कहा कि हम कहते हैं कि औरंगजेब खराब था, अलाउद्दीन खिलजी खराब था और बहादुर शाह जफर खराब था. जब मेरे वालिद मुनव्वर राणा खराब हो सकते हैं, तो फिर तो ये लोग तो बहुत बुरे हैं. मेरे वालिद की यह गलती थी कि वह गोड़से के दौर में गांधीगिरी कर रह थे. हमारा हाल तो यह है कि आप हमारा गला दबाएं और हमारी आंखें भी बाहर न हों. कैसे मुमकिन है?
#WATCH | Lucknow, UP: Tabrez Rana, son of late acclaimed poet Munawwar Rana, says, "Aurangzeb ruled for 48 years. Had he massacred Hindus in those 48 years, he would have killed so many. Would Hindus have survived then? Had he destroyed temples? Would the temples have remained… pic.twitter.com/6Uf7YhvEgf
— ANI (@ANI) March 6, 2025
तबरेज ने कहा कि जब आपके पास गिनाने के लिए कोई नई उपब्लधि नहीं होती है तो लोग पुरानी बातों को उकेरते हैं, अब तो लोगों को उर्दू जबान से तकलीफ होने लगी है. बता दें, बीती रोज अबू आसिम को सस्पेंड करने के बाद तबरेज ने एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था."
वज़ारत चंद घंटों की महल मीनार से ऊंचा
मैं औरंगज़ेब हूं अपने लिए खिचड़ी बनाता हूं.
बस इतनी इल्तिजा है तुम इसे गुजरात मत करना
तुम्हें इस मुल्क का मालिक मैं जीते-जी बनाता हूं
मुझे इस शहर की सब लड़कियां आदाब करती हैं
मैं बच्चों की कलाई के लिए राखी बनाता हूँ
अबू आसिम ने औरंगजेब को लेकर कहा था कि मुगल राजा एक क्रूर शासक नहीं था और उसने कई मंदिर बनवाए थे. उन्होंने कहा था कि मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, न कि हिंदू और मुस्लिम की जंग थी.