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विपक्ष का विरोध दरकिनार, असम विधानसभा में पास हुआ मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट

Assam Muslim Marriage and Divorce Act: असम विधानसभा में आज यानी 29 अगस्त को मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट पास हो गया है. इस बिल को लेकर भारी हंगामा हुआ है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

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विपक्ष का विरोध दरकिनार, असम विधानसभा में पास हुआ मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट
Tauseef Alam|Updated: Aug 29, 2024, 03:54 PM IST
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Assam Muslim Marriage and Divorce Act: असम विधानसभा में मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट पास हो गया है. इस बिल को लेकर विधानसभा में चर्चा चल रही थी, उस वक्त विपक्ष ने भारी हंगामा किया है और अपना पक्ष रखते हुए भारी विरोध किया है. AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि विधानसभा में आज मुस्लिम मैरेज और डिवोर्स एक्ट बिल पारित किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है.

विधायक ने क्या कहा?
विधायक ने आज कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं और आज असम में मुस्लिम और तलाक अधिनियम 2024 भी लाया जाएगा और ये भी पारित किया जाएगा, जो गैरकानूनी है, हमें बहुत दुख है. आने वाले दिनों में हम इस पर कुछ करेंगे और आज हमने संशोधन के लिए आवाज उठाई है.

मुस्लिम विवाह अधिनियम को रद्द
गौरतलब है कि बीते दिनों असम की हिमंत बिस्वा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मुस्लिम विवाह अधिनियम को रद्द कर दिया था. सीएम ने खुद ट्विटर पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने पोस्ट कर लिखा था, "हमने बाल विवाह के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करके अपनी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आज असम कैबिनेट की बैठक में हमने असम निरसन विधेयक 2024 के माध्यम से असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को रद्द करने का फैसला लिया है."

क्या है ये कानून 
असम मुस्लिम मैरिज एंड डायवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट साल 1935 में लाया गया था. इसमें मुसलमानों के मैरिज एंड डायवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट का प्रावधान है. इस बिल में साल 2010 में संशोधन किया गया था. इसमें 'स्वैच्छिक' शब्द को 'अनिवार्य' शब्द से बदल दिया गया. इस संशोधन के साथ ही असम में मुसलमानों के मैरिज एंड डायवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट को अनिवार्य बना दिया गया. इस कानून में किसी भी व्यक्ति को मुस्लिम होने पर मैरिज एंड डायवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट के लिए राज्य को लाइसेंस देने का अधिकार दिया गया. यह लाइसेंस सिर्फ मुस्लिम रजिस्ट्रार ही जारी कर सकते हैं. ये सरकारी कर्मचारी हो सकते हैं. अधिनियम में मुसलमानों के मैरिज एंड डायवोर्स के लिए आवेदन की प्रक्रिया एवं प्रावधान का विस्तार से उल्लेख किया गया है.

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