Delhi Election Results: दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) की कथित चुप्पी से मुस्लिम समुदाय नाराज़ बताया जा रहा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उसने 'झाड़ू' को ही चुना है. सभी 70 विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली छह में से पांच सीटों पर 'आप' के उम्मीदवारों को कामयाबी मिली है. इस बार 'आप' को मुस्तफाबाद सीट पर हार का सामना करना पड़ा, जहां पिछली बार उसके उम्मीदवार हाजी युनूस ने जीत हासिल की थी. दिल्ली में 7 मुस्लिम बहुल सीट- सीलमपुर, मुस्तफाबाद, मटिया महल, बल्लीमारान, ओखला, बाबरपुर और चांदनी चौक मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती हैं.
मुसलमानों ने दिया AAP को वोट:
सीट | जीतने वाले |
बाबर पुर | गोपाल राय (AAP) |
ओखला | अमानतुल्लाह खान (AAP) |
चांदनी चौक | प्रदीप सिंह साहनी (AAP) |
बल्लीमारान | इमरान हुसैन (AAP) |
मटिया महल | आले मोहम्मद इकबाल (AAP) |
सीलमपुर | चौधरी जुबैर अहमद (AAP) |
मुस्तफाबाद | मोहन सिंह बिष्ट (BJP) |
मुसलमानों में आप को लेकर नहीं है नाराजगी
दिल्ली चुनाव से पहले यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के 2020 के दंगे, कोरोना वायरस महामारी के दौरान उपजे तब्लीगी जमात के मुद्दे और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मुद्दों पर पार्टी की कथित चुप्पी को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में ‘आप’ को लेकर नाराज़गी है. मगर चुनावी नतीजों के मुताबिक, मुस्लिम बहुल सीटों पर 'आप' के उम्मीदवार ही समुदाय की पहली पसंद रहे. इस बार चार मुस्लिम विधायक जीते हैं, जबकि पिछली बार पांच मुस्लिम विधायक विधानसभा पहुंचे थे. मुस्लिम राजनीति के जानकार और 'सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (सीएसडीएस) में एसोसिएट प्रोफेसर हिलाल अहमद ने कहा कि यह चुनाव उम्मीदवार केंद्रित था, क्योंकि चुनाव से पहले नेताओं ने जिस तरह से दल बदल किया, उसके बाद मतदाताओं ने उम्मीदवार देखकर वोट दिया.
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भाजपा को रोकने के लिए नहीं दिया वोट
उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में जिस तरह से लोगों ने मतदान किया है, उसी तरह से मुस्लिम समुदाय ने भी मतदान किया है. समुदाय ने भी उम्मीदवार को देखकर वोट दिया है. अहमद ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जिन इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन इलाकों में पार्टी के पुराने उम्मीदवार थे. लेकिन मुस्लिम वोट बंटा भी है, खासकर मुस्तफाबाद में. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, "मुसलमान भाजपा को रोकने के लिए वोट नहीं देते हैं. छह से आठ फीसदी मुसलमान दिल्ली में हमेशा से भाजपा को वोट देते आए हैं जो उम्मीदवार केंद्रित वोट होता है." आम आदमी पार्टी के एक नेता ने बताया कि दिल्ली में रणनीतिक तरीके से मतदान होता है और सभी वर्ग इस तरह से वोट देते हैं जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं.