Pune Violence Update: महाराष्ट्र के पुणे जिले का एक शांत गांव यवतेश्वर अचानक उस वक्त आग की लपटों में घिर गया जब एक व्हाट्सएप स्टेटस से फैले सांप्रदायिक तनाव ने हिंसक रूप ले लिया. महज एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट ने पूरे गांव की फिजा बदल दी, देखते ही देखते भीड़ भड़क उठी, आगजनी हुई और इलाके में दहशत का माहौल बन गया. फिलहाल पुलिस की सक्रियता के चलते हालात पर काबू तो पा लिया गया है.
दरअसल, पुणे जिले की दौंड तहसील के यवत गांव में शुक्रवार (2 अगस्त) को उस समय भारी तनाव फैल गया जब एक नौजवान व्हाट्सएप स्टेटस पर एक विवादित पोस्ट शेयर किया था. यह वायरल होते ही इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा में भीड़ ने न सिर्फ गाड़ियों को आग के हवाले किया बल्कि मुसलमानों के धार्मिक स्थल और बेकरी को भी नुकसान पहुंचाया. स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े.
पुलिस के मुताबिक, हिंसा के मामले में अब तक 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस मामले में पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले नौजवान को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुणे पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा के मामले में अब तक कुल मिलाकर 500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और इनमें से सौ से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुकी है. स्थानीय अदालत ने 15 आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
हिंसा की शुरुआत उस वक्त हुई जब गांव के ही एक नौजवान ने मध्य प्रदेश से जुड़ी एक विवादित घटना पर व्हाट्सएप स्टेटस डाला. बताया जा रहा है कि नौजवान मूल रूप से नांदेड़ का रहने वाला है और गांव में दिहाड़ी मजदूरी करता है. उसकी इस पोस्ट को लेकर बहुसंख्यक समुदाय के लोग नाराज हो गए. जिसके बाद देखते ही देखते माहौल बिगड़ गया और भीड़ हिंसक हो गई.
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, भीड़ ने एक मोटरसाइकिल, दो कारों, एक धार्मिक ढांचे और एक बेकरी को निशाना बनाया. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आंसू गैस के गोले दागे और स्थिति को काबू में कर किया. घटना के बाद से गांव में धारा 144 लागू कर दी गई है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
पुणे के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने बताया कि अब तक की जांच में किसी साजिश के सबूत नहीं मिले हैं और निष्कर्ष निकालने से पहले जांच पूरी करना जरूरी है. अतिरिक्त एसपी गणेश बिरादार ने बताया कि सोशल मीडिया की निगरानी की जा रही है और ड्रोन के जरिए गांवों पर नजर रखी जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने घटना की निंदा की है. अजित पवार ने खुद गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया और आश्वासन दिया कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.