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मगध, मौर्य और शुंग वंश से हार गए 1 हज़ार साल बाद आने वाले मुग़ल; NCERT ने बदला सिलेबस!

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने एक बार फिर खास मंसूबों के तहत स्कूल के सिलेबस में बदलाव करने का फैसला किया है. सरकार ने मध्यकालीन भारत के इतिहास में पढाए जाने वाले मुग़ल और दिल्ली सल्तनत के इतिहास को बाहर कर मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसी प्राचीन भारतीय इतिहास को जोड़ा गया है. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
Zee Salaam Web Desk|Updated: Apr 28, 2025, 04:23 PM IST
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NCERT School Syllabus Change: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने एक बार फिर खास मंसूबों के तहत स्कूल के सिलेबस में बदलाव करने का फैसला किया है. NCERT ने सिलेबस में बदलाव 7वीं क्लास की किताबों में किया है, इसके तहत इतिहास और भूगोल टेक्स्टबुक से मुगल काल और दिल्ली सल्तनत के टॉपिक्स हटा दिए हैं. 

यह फैसला नेशनल सिलेबस फ्रेमवर्क (NCF) और किताबों की समीक्षा प्रक्रिया के तहत लिया गया है. पिछले सालों तक छात्रों को मुगलों के शासन, उनकी उपलब्धियों और ममलूक, खिलजी, तुगलक और लोदी वंशों के इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता था, लेकिन अब नई किताबों में इन विषयों का कोई जिक्र नहीं मिलेगा. इसकी जगह पर मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसी प्राचीन भारतीय साम्राज्यों पर आधारित नए अध्याय जोड़े गए हैं, जिनमें भारतीय नैतिक मूल्यों और स्थानीय सभ्यताओं पर विशेष फोकस किया गया है.

NCERT ने किया ये बदलाव

नई सिलेबस का नाम 'एक्सप्लोरिंग सोसाइटी: इंडिया एंड बियॉन्ड (भाग-1)' रखा गया है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और नए एनसीएफ दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है. इसमें प्राचीन संस्कृत शब्दों जैसे 'जनपद' (जहां लोग बसते हैं), 'सम्राट' (प्रधान शासक), 'अधिराज' (सम्राट) और 'राजाधिराज' (राजाओं का राजा) का अधिक इस्तेमाल किया गया है. साथ ही किताब में यूनानियों पर एक विशेष अध्याय भी जोड़ा गया है.

खास बात यह है कि इस किताब में 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले का भी जिक्र किया गया है, जिसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं के वैश्विक प्रचार की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है. एनसीईआरटी के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस किताब का दूसरा भाग भी आने वाले महीनों में पब्लिश किया जाएगा. 

NCERT निदेशक का बड़ा दावा

मिली जानकारी के मुताबिक, पहले भाग में कुल 12 अध्याय हैं, जो शैक्षणिक सत्र के पहले छह महीनों के लिए निर्धारित हैं. दूसरे भाग में और भी नए विषय शामिल किए जाएंगे. अधिकारी ने शिक्षकों और छात्रों से अगले भाग का इंतजार करने की अपील की है. इस बदलाव के संबंध में एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने किताब की प्रस्तावना में लिखा है कि नई पाठ्यपुस्तक छात्रों में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के साथ-साथ उम्र के मुताबिक वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास है.

गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 में भी मुगलों और दिल्ली सल्तनत से संबंधित विषयों को संक्षेप में किया गया था, लेकिन इस बार सभी संदर्भों को पूरी तरह सिलेबस से हटा दिया गया है. नई किताब में सभी अध्याय नए हैं और मुगलों या दिल्ली सल्तनत का कोई जिक्र नहीं है. दूसरे भाग में सिलेबस में क्या जोड़ा जाएगा, अधिकारियों ने इसके बारे स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. 

दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, पहले कोविड-19 महामारी के दौरान भी तुगलक, खिलजी, लोधी और मुगल वंश की उपलब्धियों से जुड़े हिस्सों को घटाया गया था, लेकिन अब इन्हें पाठ्यक्रम से पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है. सिलेबस में इन हिस्सों को हटाने से छात्रों को संबंधित शासकों के दौर में हुए सामाजिक बदलाव की जानकारी नहीं मिलेगी, जिसे भारतीय इतिहास का एक अहम हिस्सा माना जाता रहा है. 

इन किताबों में किया गया बदलाव

हाल ही में एनसीईआरटी ने अलग-अलग क्लासेज के लिए अंग्रेजी कितानों के नाम भी बदले हैं. इनमें क्लास 1 और 2 की 'मैरीगोल्ड' (Marigold) नाम की किताब का नाम बदलकर 'मृदंग' (Mridang) कर दिया गया है, जबकि क्लास 3 की किताब का नाम 'संतूर' (Santoor) रखा गया है. 

इसी तरह क्लास 6 की अंग्रेजी पुस्तक 'हनीसकल' (Honeysuckle) का नया नाम 'पूर्वी' (Poorvi) कर दिया गया है. गणित की किताबों के नाम भी बदल दिए किए गए हैं, इसके तहत अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों में क्लास 6की गणित की किताब 'गणित' नाम से ही  पब्लिश होगी.

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