Bangladesh News Today: बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. बांग्लादेश की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के प्रमुख युवा नेता सरजिस आलम ने ढाका स्थित सुहरावर्दी उद्यान में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के जरिये आयोजित एक रैली को संबोधित किया. सरजिस आलम लगातार भारत विरोधी बयान दे रहे हैं. इस संबोधन के दौरान भी सरिजस ने भारत के खिलाफ विवादस्पद बयान देकर राजनीतिक फायदा हासिल करने में जुटी है.
सुहरावर्दी उद्यान में अपने संबोधन में सरजिस आलम ने कहा कि भारत समर्थक मुजीबपंथी ताकतें एक बार फिर बांग्लादेश में सक्रिय हो रही हैं. बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, पार्टी के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख आयोजक सरजिस ने कहा, "इस देश में किसी भी विदेशी समर्थक विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. भारतीय दबदबे का विरोध किया जाना जरूरी है."
सरजिस ने कहा कि जुलाई की एक क्रांति तो बीत गई, लेकिन मुजीबपंथी ताकतों की साजिशें अभी भी जारी हैं. उन्होंने कहा, "गोपालगंज में आज भी इनके ठिकाने मजबूत हैं. सिर्फ कानूनी तरीके से मुजीबपंथ को नहीं रोका जा सकता है. इसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी खत्म करना होगा." सरजिस आलम ने जन आंदोलनों में भाग लेने वाले सभी लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा, "हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर क्रांति के सभी सिपाहियों को एक साथ खड़ा होना चाहिए."
सरजिस ने यह भी कहा कि 5 अगस्त 2024 को जिस सपने के लिए हजारों छात्रों और नागरिकों ने अपनी जिंदगी की कुर्बानी दी थी, वह सपना अब तक पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने आगे कहा, "हमें कोई नागरिक समाज की शैली वाली अंतरिम सरकार नहीं चाहिए, बल्कि ऐसी सरकार चाहिए जो लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित कर सके."
इतना ही नहीं सरजिस ने शेख हसीना को 'कातिल' बताया और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की. एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना पर बल दिया जो किसी विशेष राजनीतिक दल की कठपुतली न हो. उन्होंने कहा, "हमें ऐसी कानून व्यवस्था नहीं चाहिए जो सिर्फ सत्ता की सेवा करे." नेशनल सिटिजन पार्टी के इस युवा नेता ने ये भी कहा कि "राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन वह राजनीति की गरिमा को नष्ट नहीं करे, यही बांग्लादेश को आगे ले जाएगा."
बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृह नगर गोपालगंज में जबरदस्त हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. बुधवार को नेशनल सिटिजन पार्टी की रैली के दौरान ही झड़प हुई थी. जिसमें मरने वालों की संख्या चार हो गई है. रैली एक तरह से युद्धक्षेत्र में बदल गई, क्योंकि छात्रों के नेतृत्व वाली पार्टी के मार्च से पहले शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई.
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