Nuh News Today: हरियाणा के नूंह से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक व्यक्ति को नूंह नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी नवजात बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में मामूली बदलाव के लिए लगातार कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. पीड़ित की शिकायत सुनने को तैयार नहीं हैं.
यह सिर्फ अकेले शकील अहमद की समस्या नहीं है. आम मुसलमान इस परेशानी का सामना करते रहे हैं, जब उनका नाम सरकारी दस्तावेजों में गलत लिख दिया जाता है. कई बार तो उन्हें सालों तक इंसाफ के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन फिर भी उनमें सुधार नहीं किया जाता है.
दरअसल, हरियाणा के नूंह नगर परिषद क्षेत्र में रहने वाले शकील अहमद की पत्नी ने बीते साल 29 अक्टूबर 2024 को एक बेटे को जन्म दिया था. बेटे की पैदाइश नूंह के एक सामान्य अस्पताल में हुई थी. शकील अहमद ने अपने बेटे की नाम तैमूर खान रखा.
बेटे के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शकील अहमद ने नूंह नगर परिषद में आवेदन दिया. जन्म प्रमाण पत्र बन भी गया. अस्पताल और दूसरे सरकारी रिकॉर्ड में शकील अहमद के बेटे का नाम सही ढंग से दर्ज है. हालांकि नगर परिषद की एक मामलू सी गलती शकील अहमद के लिए सिरदर्द बन गई.
नगर परिषद के जरिये जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र में सारे फैक्टस सही हैं, लेकिन कर्मचारियों ने जन्म प्रमाण पत्र में एक कॉलम में पुत्र की जगह पुत्री दर्शा दिया और इसी को शकील अहमद को थमा दिया. शकील ने जब जन्म प्रमाण पत्र को गौर से देखा तो चौंक गए.
जन्म प्रमाण पत्र में पुत्र की जगह पुत्री दर्ज होने पर वह काफी परेशान हुए. इस विभागीय लापरवाही को ठीक करने के लिए शकील ने जब अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें आश्वासन मिला कि वह इस गलती को ठीक कर देंगे. आलम यह है कि 6 महीने बीत जाने के बावजूद शकील अहम नगर परिषद के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हालत के जस के तस हैं.
नूंह नगर परिषद के कर्मचारियों और विभाग की लापरवाही की वजह से शकील अहमद के नवजात बेटे तैमूर खान को लड़की दर्शाया गया है. शकील को इसकी वजह से कई योजनाओं और टीकाकरण में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ नगर परिषद की छोटी सी गलती को ठीक करने के लिए कर्मचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
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