Pak News: पाकिस्तान की सेना ने रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के तिराह घाटी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे पश्तूनों पर गोलीबारी कर दी, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर लोग निहत्थे थे और एक बच्ची की मौत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिसे सेना की मोर्टार फायरिंग में जान गंवानी पड़ी थी.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक घटना घोज़ इलाके में हुई, जहां लोगों ने आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था. केपी (खैबर पख्तूनख्वा) के कम्यूनिकेशन और निर्माण विभाग के विशेष सहायक सुहैल अफरीदी ने बताया कि एक दिन पहले एक मोर्टार गोला एक घर पर गिरा था, जिससे एक बच्ची की मौत हो गई थी. इसके बाद गुस्साए स्थानीय लोग फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) परिसर के बाहर जमा हो गए. जब भीड़ परिसर के पास पहुंची तो गोलीबारी शुरू हो गई.
उन्होंने कहा,"इस घटना में मौतें और घायल होने की पुष्टि हुई है." पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (PTM) ने घटना पर गहरा दुख और आक्रोश जताया है. संगठन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि गमगीन और शांतिपूर्ण पश्तून प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाना बर्बरता है, राज्य का यह बर्ताव निंदनीय है, खासकर जब लोग केवल जीने का हक मांग रहे हों.
पश्तून कार्यकर्ता फज़लन उर रहमान अफरीदी ने इस हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान सेना पर जानबूझकर पश्तून नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पंजाबी-बहुल सेना सुरक्षा के नाम पर पश्तून इलाकों में हिंसा फैला रही है. उन्होंने दावा किया कि पूर्व में तथाकथित आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर 80,000 से ज्यादा पश्तून मारे गए थे और हजारों घर, दुकानें और व्यवसाय तबाह कर दिए गए थे.
अफरीदी ने एक्स पर पोस्ट किया,"पश्तून अब पाकिस्तान की इन चालों को समझ चुके हैं. पिछली लड़ाई में हजारों लोग मारे गए, अब फिर वही खेल दोहराया जा रहा है. पश्तून समुदाय इसका कड़ा विरोध करेगा."
इस बीच, मंगलवार को बाजौर जिले में 16 जगहों पर तीन दिन का कर्फ्यू लगाया गया और वहां आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू कर दिया गया। **बाजौर के जिला पुलिस अधिकारी वकास रफीक ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है.