PAK News: 'ऑपरेशन सिंदूर' में करारी हार झेलने के बाद पाकिस्तान अब भारत की रणनीति की नकल करता दिख रहा है. ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को एक इंटरनेशनल डेलीगेशन की अगुवाई करने का जिम्मा सौंपा है. इसका मकसद वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का तथाकथित "शांति पक्ष" रखना है.
बिलावल भुट्टो ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर शेयर करते हुए लिखा,"आज सुबह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुझसे संपर्क किया और गुजारिश की कि मैं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति के लिए पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं. मैंने यह जिम्मेदारी कबूल कर ली है और ऐसे चुनौतीपूर्ण वक्त में पाकिस्तान की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं."
पाकिस्तान का यह कदम भारत के जरिए उठाए गए एक ठोस कूटनीतिक कोशिशों की नकल माना जा रहा है. भारत सरकार ने हाल ही में सात सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को विदेशों में डेलिगेशन भेजने का फैसला लिया है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति पर भारत का पक्ष ग्लोबल मंचों पर रखेंगे.
इन भारतीय डेलिगेशन में शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, गुलाम नबी आजाद और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता शामिल हैं, जो अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया की प्रमुख राजधानियों का दौरा करेंगे.
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि पाकिस्तान से अब कोई संवाद केवल आतंकवाद को लेकर ही होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि पर भारत का रुख तब तक स्थगित रहेगा जब तक पाकिस्तान जरिए सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं किया जाता. उन्होंने दो टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा एकमात्र मुद्दा जिस पर भारत बातचीत करेगा, वह है पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली कराना.
7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया. यह सैन्य ऑपरेशन चार दिन तक चला, जिसमें मिसाइल, ड्रोन और लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल हुआ. इसके बाद 10 मई को दोनों देशों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई.