Pakistan News Today: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मानसूनी बारिश ने भयानक तबाही मचाई है. बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से हालात बेकाबू हो चुके हैं. शनिवार को सियालकोट और झेलम में दो और लोगों की मौत के बाद, इस मानसून सीजन में अब तक मरने वालों की कुल संख्या 166 हो गई है. इसके साथ ही कई शहरों में जलजमाव, बिजली कटौती और संपत्तियों के भारी नुकसान की खबरें सामने आई हैं.
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) के मुताबिक, शनिवार को सबसे ज्यादा बारिश सियालकोट में दर्ज की गई, जहां 78 मिलीमीटर बारिश हुई. इसके बाद लाहौर में 43.4 मिमी और गुजरांवाला में 36.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. पाकिस्तान के दूसरे शहरों की बात करें तो चकवाल में 23 मिमी, अटक में 13.6 मिमी, मंगला में 12.2 मिमी, गुजरात में 10.6 मिमी, नारोवाल में 5 मिमी, रावलकोट में 4 मिमी, इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर 3.9 मिमी और मंडी बहाउद्दीन में 0.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. इ
भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के 8 अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक, मानसून के चलते अब तक 164 लोग जान गंवा चुके हैं और 82 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा 121 जानवरों की मौत हुई है और 216 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
शनिवार दोपहर करीब 1:30 से 4:30 बजे तक लाहौर में तेज़ बारिश हुई. जिससे शहर के इलाके पानी में जलमग्न हो गए. वाटर एंड सैनिटेशन एजेंसी (WASA) ने बताया कि महज कुछ घंटों में पानी वाला तालाब में 86 मिमी, फर्रुखाबाद में 85 मिमी, लक्ष्मी चौक में 83 मिमी और निश्तार टाउन में 81 मिमी बारिश दर्ज की गई.
इस दौरान लाहौर के दूसरे इलाकों में भारी बारिश का असर देखा गया. लाहौर के गुलबर्ग में 60 मिमी, इकबाल टाउन में 45 मिमी, जोहर टाउन में 44 मिमी, समानाबाद में 43 मिमी और चौक नखुदा 57 मिमी बारिश हुई. जिससे इन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. कई जगहों पर घरों में पानी भर गया.
मॉडल टाउन, कोट लखपत, टाउनशिप, फैक्ट्री एरिया, मुस्लिम टाउन, गार्डन टाउन सहित कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई है. बाढ़ के चलते 'इंडिपेंडेंस फैमिली फन रेस' जैसे इवेंट को भी रद्द करना पड़ा. लाहौर में 120 से ज्यादा बिजली फीडर ट्रिप हो गए, जिससे कई इलाकों में बिजली सप्लाई बाधित रही.
PDMA ने बताया कि तरबेला बांध अपनी 96 फीसदी क्षमता पर पहुंच चुका है, जहां जल स्तर 1,546 फीट दर्ज किया गया है. मंगला बांध भी 63 फीसदी भर चुका है और वहां जल स्तर 1,205.25 फीट है. इसी तरह चश्मा बैराज भी अपने उच्चतम स्तर को पार कर चुका है, जिससे यहां पर भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.
वहीं, तरबेला, कालाबाग, तौंसा, गुड्डू, सक्खर और कोटरी बैराज में फिलहाल जल प्रवाह सामान्य है. रावी नदी के बसंतर नाले में मामूली बाढ़ आई है, लेकिन मुख्य धारा प्रभावित नहीं हुई है. कोह-ए-सुलेमान रेंज और डेरा गाजी खान डिवीजन में मौजूद पहाड़ी नालों से किसी भी तरह के बाढ़ के खतरे से इनकार किया गया है.
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के महानिदेशक ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदियों, नहरों और जलधाराओं के किनारे जाने से बचें. वहां तैराकी और नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है और धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके अलावा सभी जिलों में इमरजेंसी सर्विसेज एक्टिव कर दी गई हैं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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