Muzaffarnagar News Today: सोशल मीडिया के जरिए कथित दंगा भड़काने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की बड़ी साजिश को मुजफ्फरनगर पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया है. पाकिस्तान की वीभत्स वीडियो को मुरादाबाद का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था, जिससे दो समुदाय के खिलाफ नफरत भड़काई जा सके. लेकिन पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया.
मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान नईमुद्दीन, फईमुद्दीन, जमीरूद्दीन और शालिक बताए जा रहे हैं. पुलिस ने इनके पास से चार मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं, जिनमें हिंसा फैलाने वाली सामग्री पाई गई.
दरअसल, उम्मती ग्रुप नाम के व्हाट्सएप ग्रुप समेत कई सोशल मीडिया चैनलों पर पाकिस्तान की एक भयावह वीडियो को भारत के मुरादाबाद का बताकर वायरल किया जा रहा था. वीडियो में बच्चों और महिलाओं की लाशें दिखाकर यह झूठी कहानी रची जा रही थी कि दक्षिपंथी संगठनों ने यह हिंसा की है. इसके साथ एक उकसाने वाला ऑडियो भी चलाया जा रहा था, जिसमें लोगों से इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील की गई थी.
पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), आईटी एक्ट और अन्य कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. इससे पहले भी तीन आरोपी इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. मुजफ्फरनगर पुलिस की इस त्वरित और कड़ी कार्रवाई से जिले में एक संभावित सांप्रदायिक तनाव टल गया है. प्रशासन ने साफ किया है कि जो भी कानून हाथ में लेने या अफवाह फैलाने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.