Pilibhit News Today: उत्तर प्रदेश का शासन प्रशासन लगातार समुदाय विशेष की धार्मिक जगहों और स्कूल के खिलाफ अवैध कार्रवाई कर रहा है. इसी तरह का एक मामला पीलीभीत से सामने आया है. पीलीभीत जिले की एक मस्जिद को कथित तौर पर अवैध बताते हुए प्रशासन ने मुतवल्ली को नोटिस भेजा है. मुस्लिम पक्ष को मामले में 1 मई तक जवाब दाखिल करने का समय मांगा गया है.
पीलीभीत की सदर कोतवाली क्षेत्र के केजीएन कॉलोनी स्थित मुस्लिम बाहुल्य इलाके इस मस्जिद का निर्माण करीब 8 साल पहले किया गया था. इस मस्जिद के बनने के बाद से यहां पर लगातार पांचों वक्त की नमाज हो रही थी. फिलहाल नोटिस मिलने के बाद देखरेख करने वाले नमाज पर पाबंदी लगा दी है, जिससे नमाजियों को इबादत में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पीलीभीत में ध्वस्तीकरण नोटिस मिलने के बाद मस्जिद कमेटी के सदस्य आफाक अहमद का कहना है कि जिस जगह मस्जिद है, उसके बराबर में पहले से मजार बनी हुई है. लोग खुले में नमाज पढ़ते थे. कुछ साल पहले वहां लिंटर डालकर मस्जिद बना दी गई है. उन्होंने कहा कि मस्जिद के खिलाफ जिला प्रशासन ने नोटिस दिया है, इसलिए प्रशासन के आदेश का पालन किया जा रहा है और नोटिस का जल्द ही जवाब दिया जाएगा.
आफाक अहमद ने बताया कि मस्जिद में नमाज पर भी रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द प्रक्रिया सारी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद नमाज शुरू होगी. स्थानीय निवासी फैजान अली खान का कहना है कि नोटिस का जवाब जिला कमेटी देगी लेकिन ध्वस्ती कारण नहीं होगा, लेकिन नमाज को नहीं रोकना चाहिए था. प्रशासन गलत कर रहा है.
प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी होने पर हिंदू संगठनों का भी बड़ा बयान सामने आया है. हिंदू जागरण मंच के प्रदेश सदस्य यशवंत सिंह का कहना है कि मस्जिद बनते वक्त इसे रोकना चाहिए था और नक्शा बनवाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने लापरवाही बरती है, ऐसे मामलों में हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा होता है.
बता दें, बीते दिनों पीलीभीत के सदर कोतवाली क्षेत्र के केजीएन कॉलोनी स्थित मस्जिद के ध्वस्तीकरण को लेकर प्रशासन की तरफ से धारा 10 के तहत नोटिस जारी किया गया, जिसका जवाब मस्जिद कमेटी को 1 मई तक देना होगा. मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि उन्होंने इसको बनवाने के लिए नक्शा पास नहीं कराया है. शुक्रवार को पुलिस ने इस मस्जिद में जुमे की नमाज को रोक दिया था.
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