Pilibhit News: पीलीभीत के कचहरी परिसर में सवा सौ साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद और ऑफिसर्स कॉलोनी में सदियों पुरानी दरगाह को हटाने की मांग को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस कदम ने शहर के मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता और नाराजगी पैदा कर दी है. लोगों का कहना है कि सरकारी जगह बनने पहले से ही इन दोनों जगहों का अस्तित्व है.
सूत्रों के अनुसार, हिंदू महासभा के कई कार्यकर्ता संजीव मिश्रा के नेतृत्व में जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह से मिले और कुछ राजस्व दस्तावेज पेश करते हुए इन धार्मिक स्थलों को अवैध घोषित कर जांच कराने और हटाने की मांग की है. यह मस्जिद ब्रिटिश शासन के दौरान कचहरी परिसर में बनाई गई थी, जबकि ऑफिसर्स कॉलोनी की दरगाह कई सदियों पुरानी मानी जाती है.
स्थानीय लोग बताते हैं कि ये धार्मिक स्थल तब से मौजूद हैं, जब इन जमीनों का सरकारी इस्तेमाल नहीं किया गया था. शहर के मुसलमान इस मुद्दे को लेकर बेचैन हैं और इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम मान रहे हैं. उनका कहना है कि अगर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है तो यह तनाव पूरे शहर में फैल सकता है.
बता दें, बीते कुछ महीनों से धार्मिक स्थलों और दूसरी जगहों पर बुलडोजर कार्रवाई जारी है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कई मदरसों को सील किया जा चुका है और कई अवैध मस्जिदों और मजारों पर बुलडोजर चला है. ऐसे में पीलीभीत में इन दोनों जगहों पर दावे ने लोगों को और बैचेन कर दिया है.