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भारतीय सेना का जवान देविंदर सिंह निकला ISI का जासूस; पंजाब पुलिस ने उरी से दबोचा

ISI Spy in Punjab: पंजाब पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बार फिर पाकिस्तानी की साजिशों को नाकाम बना दिया और उसके एक जासूस को उरी से गिरफ्तार कर लिया है. सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तानी जासूस से लगातार पूछताछ कर रही हैं, जिससे और अहम जानकारियां हासिल की जा सके.  

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प्रतीकात्मक AI तस्वीर
प्रतीकात्मक AI तस्वीर
Raihan Shahid|Updated: Jul 16, 2025, 10:31 PM IST
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Punjab News Today: पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह भारत के खिलाफ लगातार साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है. पंजाब पुलिस की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) की कार्रवाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है. पंजाब पुलिस ने भारतीय सेना के एक जवान को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. 

यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी इलाके से हुई है. आरोपी की पहचान देविंदर सिंह के रूप में हुई है, जो पंजाब के संगरूर जिले के निहालगढ़ गांव का रहने वाला है. पुलिस ने देविंदर सिंह को बुधवार (16 जुलाई) को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. 

जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था देविंदर

रिमांड के दौरान पुलिस उससे गहन पूछताछ करेगी ताकि यह पता चल सके कि उसने कौन-कौन सी खुफिया जानकारी पाकिस्तान को भेजी है और उसके जासूसी नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल हैं. पुलिस को उम्मीद है कि इस पूछताछ से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. यह गिरफ्तारी एक पूर्व सैनिक के जासूसी नेटवर्क से जुड़ी है. 

बीते 22 जून को पंजाब पुलिस के SSOC ने एक पूर्व फौजी गुरप्रीत सिंह उर्फ गुर्री उर्फ फौजी को फिरोजपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गिरफ्तार किया था. गुरप्रीत ने पूछताछ में कबूल किया था कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लोगों के संपर्क में था और सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां शेयर करता था. उसने बताया कि वह सेना में कई जगह तैनात रहा है और उसके सेना के लोगों से अच्छे संबंध हैं. वह जेल से ही इन संपर्कों के जरिए जानकारी मंगवा लेता था.

गुरप्रीत से पूछताछ के दौरान ही देविंदर सिंह का नाम सामने आया. गुरप्रीत ने बताया कि देविंदर भी उसके जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था. इसके बाद पुलिस ने देविंदर सिंह पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी और इस बारे में मिलिट्री इंटेलिजेंस को भी सूचित कर दिया. आज इसी ऑपरेशन के तहत देविंदर सिंह को उरी से गिरफ्तार कर लिया गया.

आम्मी ट्रेनिंग में मिले थे ISI जासूस

हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, देविंदर सिंह से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह और गुरप्रीत सिंह दोनों साल 2017 में एक दूसरे के कान्टैक्ट में आए थे. उस समय वे दोनों पुणे  में मौजूद आर्मी कैंप में ट्रेनिंग ले रहे थे. तभी से वे एक-दूसरे को जानते थे. उन्होंने सिक्किम और जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवा के दौरान एक साथ काम भी किया है.

स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल की एआईजी रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि सर्विस के दौरान इन दोनों को सेना की गोपनीय दस्तावेज मिला था, जिन्हें गुरप्रीत सिंह उर्फ गुर्री उर्फ फौजी ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेज दिया. अब दोनों आरोपियों से साथ में पूछताछ की जाएगी, जिससे इस जासूसी रैकेट के कई और परतें खुलने की उम्मीद है.

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