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अजमेर में मुसलमानों के घर उजड़े; वैध कागज भी नहीं रोक सके बुलडोजर कार्रवाई!

Rajasthan Bulldozers Roll on Muslim Properties: राजस्थान के अजमेर में वन विभाग ने तारागढ़ इलाके में अतिक्रमण हटाने के नाम पर मुस्लिम बहुल इलाकों में बुलडोजर चलाना शुरू किया है. हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा है कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं, फिर भी बिजली काटी गई और निर्माण गिराए जा रहे हैं. इससे इलाके में खौफ और दहशत का माहौल है.  

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अजमेर में मुसलमानों के घरों पर दौड़ा बुलडोजर
अजमेर में मुसलमानों के घरों पर दौड़ा बुलडोजर
Updated: Aug 02, 2025, 12:18 PM IST
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Ajmer Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और असम के बाद अब राजस्थान में मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो गई. अजमेर के ऐतिहासिक और धार्मिक शहर में इन दिनों माहौल गर्म है. एक तरफ अकीदमंद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हाजिरी देने आते हैं, तो दूसरी तरफ शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में वन विभाग की बुलडोजर कार्रवाई को लेकर तनाव और डर का माहौल बना हुआ है. 

मिली जानकारी के मुताबिक, अजमेर के तारागढ़ क्षेत्र में वन विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए चार दिन का बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया है. इस कार्रवाई की शुरुआत आज रविवार (2 अगस्त) से हो गई और पहले ही दिन से 3 किलोमीटर के दायरे में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. वन विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने शनिवार को इलाके का निरीक्षण किया था.

सैकड़ों की निर्माण बुलडोजर की जद में

अजमेर में तारागढ़ दरगाह, लक्ष्मी पोल, बड़े पीर की पहाड़ी और अंदरकोट जैसे इलाकों में करीब 200 दुकानों, झोपड़ियों, केबिनों और अन्य निर्माणों को हटाने की योजना है. इनमें से ज्यादातर निर्माण कार्य देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय में शुमार मुस्लिम समुदाय के है. इस कार्रवाई से यहां सालों से रहने वाले लोगों और दुकानदारों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. 

वैद्य दस्तावेजों के बावजूद हो रही कार्रवाई

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिन जमीनों को वन विभाग अपनी बता रहा है, वो उनकी पुश्तैनी या कस्टोडियन से खरीदी गई जमीन है. उनके पास इसके पक्के दस्तावेज भी हैं. कई लोगों ने अदालत से स्टे ऑर्डर भी ले रखा है और मामला 9 सितंबर को सुनवाई के लिए लिस्टेड है. इसके बावजूद प्रशासन ने बिजली कनेक्शन काटना शुरू कर दिया है और बुलडोजर की एक्शन की तैयारी कर रही है, जिसे लोग अदालत की अवमानना मान रहे हैं.

इस कार्रवाई से तारागढ़ पहाड़ी की ओर जाने वाले जायरीन में भी डर का माहौल है. प्रशासन ने कई रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं ताकि जायरीन की आवाजाही को नियंत्रित जा सके. कार पार्किंग को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. वन विभाग की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जो चार दिन तक चल सकती है. प्रशासन का दावा है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी है, वहीं स्थानीय लोग इसे राजनीति से प्रेरित और समुदाय विशेष को टारगेट करने वाला कदम बता रहे हैं.

3 किमी का इलाका छावनी में तब्दील

आज सुबह से शुरू ही कार्रवाई के दौरान इलाके में बारी तनाव देखा जा रहा है. 3 किलोमीटर के दायरे में पुलिस का भारी जाब्ता तैनात किया गया है और तारागढ़ पहाड़ी पर हजरत मीरा सैय्यद हुसैन की दरगाह जाने वाले जायरीन बेहद परेशान नजर आ रहे हैं. दरगाह इलाका के बाजारो में सन्नाटा पसर हुआ है.  

इस संबंध में एडिशनल एसपी हिमांशु ने जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग की कार्यवाही शाम तक चलेगी और तारागढ़ क्षेत्र से कार्यवाही शुरू कर दी गई है. किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए है. इस कार्यवाही में पुलिस जवान, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस की टीम भी तैनात कर दी गई है.

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