trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02854219
Home >>Muslim News

खुशखबरी! अजमेर शरीफ के 814वें उर्स का दावतनामा जारी; देखें पूरा शेड्यूल

Ajmer Dargah Urs 2025: अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.) का 814वां उर्स 16 दिसंबर 2025 से शुरू होगा. दस दिन तक चलने वाले इस सालाना उर्स में लाखों जायरीन हिस्सा लेंगे. दरगाह कमेटी ने दावतनामा जारी कर दिया है.  

Advertisement
(फाइल फोटो)
(फाइल फोटो)
Raihan Shahid|Updated: Jul 25, 2025, 08:10 AM IST
Share

Ajmer Sharif Dargah: अजमरे शरीफ स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.) की दरगाह पर हर साल लाखों लोग जियारत के लिए पहुंचते हैं. खासकर जायरीनों को ख्वाजा गरीब नवाज की सालाना उर्स का बेसब्री से इंतजार करते हैं. जायरीन और अकीदतमंदों का ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का इंतजार इस साल खत्म हो गया. 

दरअसल दरगाह कमेटी ने हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.) के सालाना उर्स का प्रोग्राम जारी कर दिया गया. मुल्क में और मुल्क के बाहर के लोगों को अब ख्वाजा साहब के 814वें उर्स का दावत नामा भी भेजा जा रहा है. इस सिलसिले में दरगाह के खादिम सैय्यद कुतबुद्दीन सखी ने बताया कि उर्स 2025 झंडे की रस्म के साथ शुरू होगा और कदीमी रिवायत के मुताबिक 10 दिन तक उर्स का प्रोग्राम चलेगा, जिसमें लाखों जाययरीन, अकीदतमंद अजमेर आएंगे.

अकीदतमंदों को भेजा जा रहा दावतनामा

अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.) की दरगाह पर न सिर्फ मुसलमान बल्कि दूसरे मजहब के लोग पूरे अकीदत के साथ जियारत के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि अजमेर शरीफ दरगाह से सब की मन्नतें और मुरादें पूरी हो जाती हैं. देश और विदेश से ख्वाजा गरीब नवाज के लाखों मुरीद और अकीदतमंद रहते हैं. यही वजह है कि उन तक उर्स 2025 का दावतनामा भेजना शुरू कर दिया गया है. 

अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम और बॉलीवुड दुआगो सैय्यद कुतबुद्दीन सखी ने बताया कि व्हाट्सऐप, ईमेल और फोन के साथ- साथ डाक के जरिये भी ख्वाजा साहब के सालाना उर्स प्रोग्राम की ज्यादातर जानकारियां दी जा रही हैं. इस्लामिक उर्दू कैलेंडर के मुताबिक, 2025 में ख्वाजा गरीब नवाज का 814वां उर्स मुबारक होगा.

814वें उर्स 2025 शेड्यूल

16 दिसंबर: दरगाह के बुलंद दरवाज़ा पर झंडे की रस्म होगी

19 दिसंबर: सालाना संदल की रस्म अदा की जाएगी

20 दिसंबर: मुल्कभर के मलंगों का जुलूस, छड़ी मुबारक़ की रस्म

20 दिसंबर: जन्नती दरवाज़ा खुलेगा, वीवीआइपी चादर प्रोग्राम

20 दिसम्बर: शाही महफ़िल और उर्स में मज़ार मुबारक़ के ख़ास ग़ुस्ल व खिदमत का आगाज़,

22 दिसंबर: बॉलीवुड की चादर पेश होगी

23 दिसम्बर: वीआईपी सियासी जमात पार्टियों की चादर का सिलसिला शुरू होगा

24 दिसंबर: सूफ़ियाना महफ़िल-ए- क़व्वाली

26 दिसंबर: उर्स नमाज़ ए जुमा

27 दिसंबर: उर्स की शाही महफ़िल,

27 दिसंबर: छठी शरीफ़ उर्स का खास दिन कुल की रस्म

27 दिसंबर: अंजुमन सैय्यद ज़ादगान कि चादर, दागोल मलंगों की हाजरी

27 दिसंबर: जन्नती दरवाज़ा वापस बंद हो जाएगा

30 दिसंबर: बड़े कुल की रस्म, ज़ायरीन केवड़ा,गुलाबजल,इत्र से पूरी दरगाह को महकाएंगे

रजब के चांद से शुरू होती है शाही महफिल

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रजब महीने का चांद दिखाई देने के बाद अजमेर दरगाह में शाही महफिल का आगाज हो जाता है. दरगाह के महफिल खाने में देश विदेश के कव्वाल ख्वाजा गरीब नवाज की शान में सूफियाना कव्वाली पेश करते हैं. इसी तरह आम दिनों में ख्वाजा साहब की मजार पर होने वाली खिदमत का वक्त भी बदल जाता है. मजार शरीफ पर चांद रात को गुस्ल (स्नान) भी दिया जाता है. इस मौके पर सालाना संदल की रस्म भी अदा की जाती है. कदीमी रिवायात के तहत दरगाह में होने वाली उर्स की तमाम रस्म उर्दू महीना रजब का चांद दिखाई देने के हिसाब से होती है.

Read More
{}{}