Ramadan 2025: रमजान के आखिरी अशरे में इबादतों का सिलसिला बढ़ गया है. रमजान का पाक महीना अब अपने आखिरी दौर में है और ईद में महज कुछ ही दिन बाकी हैं. उससे पहले ईद-उल-फितर की खरीदारी के लिए बाजारों में रौनक बढ़ गई है, जबकि मुसलमानों ने अपने आप को अधिक से अधिक इबादतों में मशगूल कर लिया है.
मार्च महीना खत्म होने से पहले सूरज की तपिश भी बढ़ गई है. गर्मी के बावजूद रोजेदार पूरे खुलूस और अकीदे के साथ रोजा रख रहे हैं. देश में रोजेदार लगभग 15 घंटों तक भूखे रहकर रोजा रखते हैं. इस दौरान रोजेदार सिर्फ रोजा ही नहीं रखते बल्कि आत्मसंयम, बुरे व्यसनों का त्याग और खुद को अल्लाह की राह में समर्पित कर देते हैं. दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां सबसे लंबा रोजा होता है.
दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां लगभग 22 घंटे का रोजा होता है. उत्तरी ध्रुव पर स्थित आइसलैंड में रमजान का रोजा 20 से 22 घंटे का होता है. इस दौरान रोजेदार को इफ्तार और सेहरी में दो से चार घंटे का समय मिलता है. उत्तरी ध्रुव पर होने की वजह से यहां पर सूरज चंद घंटों के लिए डूबता और फिर सूर्यास्त हो जाता है. हालांकि इस मुश्किल हालात में भी वहां रहने वाले रोजेदारों की आस्था कायम है.
कमोबेश यही हाल ग्रीनलैंड में भी है. ग्रीनलैंड का शुमार दुनिया के सबसे बड़े द्वीपों में होता है और डेनमार्क का स्वायत्त प्रांत है. यहां रोजेदारों के लिए दूसरे देशों के मुकाबल रमजान का अनुभव बिल्कुल अलह होता है. यहां पर मुसलमानों की संख्या एक हजार से भी कम है, इसके बावजूद वह पूरी अकीदत के साथ रोजे रखते हैं. लेबनान के रहने वाले वस्साम अजाकीर ग्रीनलैंड के मशहूर मुसलमानों में से एक हैं.
मिंट में छपी खबर के मुताबिक, वस्साम अजाकीर ने ने बताया था कि वह इससे पहले 21 घंटे तक रोजा रख चुके हैं और पूरी अकीदत के साथ रोजे का एहतमाम करते हैं. इस साल यानी 2025 में भी ग्रीनलैंड के मुसलमानों को 16 घंटे तक रोजा रखना होता है, जो दुनिया के दूसरी जगहों के मुकाबले काफी लंबा वक्त है.
आइसलैंड और ग्रीनलैंड में रमजान के दौरान रोजा 16 से 22 घंटे तक बढ़ सकता है, जिससे यह दुनिया का सबसे कठिन रोजा हो जाता है. हालांकि, मुसलमानों की आस्था और संयम उन्हें इस कठिन चुनौती का सामना करने में मदद करती है. ग्रीनलैंड और आइसलैंड के मुश्किल हालात को देखते हुए इस्लामी स्कॉलर्स ने मुस्लिम रोजेदारों को एक विकल्प अपनाने की सलाह दी है, इसके तहत वह सऊदी अरब या अपने नजदीकी देशों के सूर्योदय और सूर्यास्त के वक्त के मुताबिक इफ्तारी और सेहरी कर सकते हैं.