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दिल्ली दंगों में कपिल मिश्रा को मिलेगी क्लीन चिट या होगी कानूनी कार्रवाई? कोर्ट का फैसला जल्द

Delhi Riots: दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में पांच साल पहले हुए दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में बीते साल अगस्त 2024 में कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें तात्कालिक बीजेपी नेता और दिल्ली सरकार के मौजूदा कानून मंत्री कपिल मिश्रा खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.

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दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा- फाइल फोटो
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा- फाइल फोटो
Zee Salaam Web Desk|Updated: Mar 24, 2025, 12:57 PM IST
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Delhi News Today: दिल्ली दंगा मामले में हालिया दिनों राउज एवेन्यू कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इस याचिका के जरिये दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इस याचिक पर राउज एवेन्यू कोर्ट कल मंगलवार (25 मार्च) को अपना फैसला सुना सकती है. 

दरअसल, 23 से 26 फरवरी 2020 में केंद्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में दंगे हुए थे. इन दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस दंगे में मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे. इस मामले में यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास राउज एवेन्यू कोर्ट में एक याचिका दायर की है. 

इस याचिका के जरिये मोहम्मद इलियास ने दिल्ली दंगों में बीजेपी विधायक और मंत्री कपिल मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग का विरोध किया है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि कपिल मिश्रा को फंसाने की साजिश रची जा रही है. 

क्या है पूरा मामला?

मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, अगस्त 2024 मे दायर की गई इस याचिका में मोहम्मद इलियास ने दावा किया कि 23 फरवरी 2020 को उन्होंने कपिल मिश्रा और उनके साथियों को कर्दमपुरी में एक सड़क को ब्लॉक करते हुए देखा. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने रेहड़ी पटरी वालों की गाड़ियों को तोड़ते हुए देखा था. मौके पर तत्कालीन उत्तर पूर्व डिप्टी पुलिस कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के अन्य अधिकारी कपिल मिश्रा के बगल में खड़े हुए थे. कपिल मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों को जगह खाली करने या परिणाम भुगतने की धमकी दी थी.

इस याचिका के विरोध में दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जांच में यह साफ हो गया है कि दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप की चैट से पहले से ही चक्का जाम की योजना बनाई जा रही थी. पुलिस के मुताबिक, कुछ लोगों ने साजिश के तहत कपिल मिश्रा पर हिंसा शुरू करने का आरोप लगाने की योजना बनाई थी. 

स्पेशल सेल के जरिये की गई विस्तृत जांच में कपिल मिश्रा की कथित संलिप्तता को आधारहीन पाया गया. कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का दंगों में कोई हाथ नहीं था और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं.

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