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दिल्ली दंगों में कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच में लापरवाही; कोर्ट ने कहा- पुलिस बताए अड़चन क्या है?

Kapil Mishra Role Delhi Riots: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में पुलिस की जांच के रवैये पर सवाल उठाए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच में लापरवाही बरतने पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट की टिप्पणी के बाद दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं.  

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कपिल मिश्रा के भूमिका की होगी जांच
कपिल मिश्रा के भूमिका की होगी जांच
Updated: May 28, 2025, 10:51 AM IST
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Delhi Riots 2020: राउज एवेन्यू कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच में सुस्ती बरतने पर कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि एक साल बीत जाने के बावजूद सुबूत इकट्ठा नहीं किए गए हैं और कोर्ट ने इस मामले पूरी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 

इससे पहले बीते माह मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने कपिल मिश्रा के जरिये किए विवादित ट्वीट के मामले में जांच में ढिलाई बरतने पर दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. यह मामला मार्च 2023 से लंबित है. 

कोर्ट ने पूछा कि अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया है और अगर किसी अन्य विभाग या मंत्रालय की मदद की जरूरत है तो वह ली जाए, लेकिन जांच में देरी न की जाए. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दिल्ली पुलिस जांच करने में नाकाम रही है या कोई रुकावट आ रही है. इसकी सचूना वे फौरन कोर्ट को दें. कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली दंगों के दौरान भारतीय जनता पार्टी के तात्कालिक नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने एक विवादित ट्वीट किया था. इस ट्वीट में उन्होंने कहा था कि "आप और कांग्रेस ने शाहीन बाग को मिनी पाकिस्तान बना दिया है और विधानसभा चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई बन चुका है."

इस मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू में न्यायमूर्ति वैभव चौरसिया की अदालत में मामला चल रहा है. उन्होंने कहा कि अदालत में पेश रिपोर्ट में 8 अप्रैल को डीसीपी ने भरोसा दिलाया था कि ट्वीट की एक्सेस रिपोर्ट हासिल करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस तरक्की नहीं हुई है. जांच एजेंसी की ओर से कोर्ट के निर्देशों पर अमल करने के लिए कोई मौजूद ही नहीं है.

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह आदेश दिया है कि आदेश की एक प्रति संयुक्त पुलिस आयुक्त (नॉर्थ रेंज) को भी भेजी जाए, ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके. अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई में होगी.

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