Ramgopal Yadav on Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने इस विधेयक को पूरी तरह असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए.
रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ने अब तक विधेयक को मंजूरी नहीं दी है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कलेक्टरों को अवैध संपत्तियों को जब्त करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है. पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट था और आगे भी एकजुट रहेगा.
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने संसद सत्र के महत्व पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "जब तक सत्र चलता है, कुछ अच्छे काम होते हैं. लोगों के मुद्दे उठाए जाते हैं. कभी उनका समाधान होता है, कभी नहीं, लेकिन कम से कम समस्याओं को सामने लाया जाता है और उन पर चर्चा होती है. सरकारी विधेयक पेश किए जाते हैं, जिनमें से कुछ उचित होते हैं, तो कुछ में विपक्ष और जनता को कमियां नजर आती हैं, जिन्हें उजागर किया जाता है."
वक्फ बिल पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा ऐलान किया है. केंद्र सरकार के जरिये वक्फ संशोधन बिल पास करने के पर असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है. देर रात राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद सियासी पारा हाई हो गया है. जेडीयू के कई मुस्लिम नेताओं ने पार्टी का इस बिल का समर्थन करने पर पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है.
कांग्रेस ने भी वक्फ संशोधन बिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है. कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट एक संदेश में कहा कि वक्फ की संवैधानिकता को चुनौती देने के लिए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर करेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल एक्ट 2005 में हुए बदलाव को लेकर कांग्रेस के जरिये दायर याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
दोनों सदनों से वक्फ बिल पारित
बता दें, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 राज्यसभा में पारित हो गया है. इसके साथ ही विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है. ऊपरी सदन में गुरुवार को पेश होने के बाद करीब 12 घंटे चली मैराथन बहस के बाद गुरुवार और शुक्रवार की देर रात विधेयक को पास कर दिया गया. इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 मत पड़े. लोकसभा पहले ही इसे मंजूरी दे चुकी थी. सरकार का दावा है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन के जरिए वक्फ बोर्ड के ढांचे में बदलाव होने से कानूनी विवादों को कमी आएगी. इसके अलावा वक्फ के कामकाज में पारदर्शिता आएगी.
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