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Sambhal: तबियत खराब है, फिर भी होऊंगा पेश; SIT की पूछताछ से पहले क्या बोले जियाउर्रहमान बर्क?

Sambhal SP MP Ziaur Rahman Barq: संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मीडिया से बातचीत की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि वह बीमार हैं और इसके बावजूद भी वह एसआईटी के सामने पेश होने वाले हैं.

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Sambhal: तबियत खराब है, फिर भी होऊंगा पेश; SIT की पूछताछ से पहले क्या बोले जियाउर्रहमान बर्क?
Sami Siddiqui |Updated: Apr 08, 2025, 12:25 PM IST
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Sambhal SP MP Ziaur Rahman Barq: संभल के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट जियाउर्रहमान बर्क आज एसआईटी के सामने पेश हुए हैं. उन्होंने इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और कहा है कि वह बीमार हैं और इसके बाद भी वह एसआईटी के सामने पेश होने वाले हैं, क्योंकि कहीं ये मैसेज न चला जाए कि वह जांच से बच रहे हैं.

क्या बोले संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क?

जांच से पहले जियाउर्रहमान बर्क ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं भारत का नागरिक और एक सांसद हूं, इसलिए मैं भारत की न्याय व्यवस्था पर यकीन रखता हूं और माननीय न्यायालय में भी पूरा यकीन है. उन्होंने आगे बताया कि इत्तेफाक से मेरी आज तबियत सही नहीं है. मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने के लिए कहा है. इसके बावजूद मैं इसलिए जा रहा हूं, क्योंकि पुलिस प्रशासन अधिकारियों को यह न ले कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं.

मैं पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार

जियाउर्रहमान ने कहा कि मीडिया ट्रायल से बचने या कोई गलत फहमी से बचने के लिए मैं जा रहा हूं. मैं पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हूं और मैं आगे भी सहयोग करूंगा. क्योंकि मैं एक नागरिक के साथ-साथ एक सांसद भी हूं.

संभल हिंसा में जियाउर्रहमान बर्क का नाम

जियाउर्रहमान बर्क को 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के मामले में आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने उन पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही 23 मार्च को एसआईटी ने मस्जिद कमेटी के मेंबर जफर अली को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने जांच में खुलासा किया था कि ज़ियाउर्रहमान का इस मामले में हाथ था. इसके बाद एसआईटी ने केस डायरी में दोनों जिया और जफर का जिक्र भी किया था.

बता दें, 24 नवंबर को संभल में शाही मस्जिद की जांच के लिए सर्वे टीम के बाहर निकलने के बाद हिंसा हुई थी. इस हिंसा में चार लोगों की जान गई थी. वही मामले की शुरुआत 19 नवंबर को कोर्ट के आदेश के बाद हुई थी. जिसमें सर्वे की बात कही गई थी, ये आदेश हिंदू पक्ष की याचिका के बाद दिया गया था. जिसमें, कहा गया कि शाही मस्जिद की जगह पहले मंदिर हुआ करता था. जिसे तोड़कर मस्जिद बनवाई गई थी.

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