Sambhal News: आज नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और कारवां मोहब्बत के जरिए एक प्रोग्राम किया गया.
संभल हिंसा पर आयोजित इस प्रोग्राम में 'संभल मस्जिद मर्डर' नाम की एक डॉक्यूमेंट्री को रिलीज किया गया. इस मौके संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ित, उनके परिवार और मामलों की पैरवी कर रहे वकील भी मौजूद थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की सदारत सोशल वर्कर नदीम खान ने की, जबकि अहम बोलने वालों में सांसद इमरान मसूद, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, बुद्धिजीवी नौशरान, वरिष्ठ पत्रकार सबा नकवी, अधिवक्ता अहमद इब्राहिम और युवा शोधकर्ता प्रकृति शामिल थे.
वक्ताओं ने रिपोर्ट के माध्यम से खुलासा किया कि संभल में हुई हिंसा कोई अकेली घटना या स्थानीय घटना नहीं थी, बल्कि यह एक व्यवस्थित और सुनियोजित साजिश का नतीजा थी, जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाया गया था.
रिपोर्ट में पुलिस के जरिए कथित पक्षपात, स्थानीय प्रशासन द्वारा चुप्पी और पीड़ितों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करने की डिटेल दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों को सिर्फ़ इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि वे घटनास्थल पर मौजूद थे, जबकि असली हमलावरों को जानबूझकर पीछे छोड़ दिया गया. कारवां मोहब्बत के जरिए निर्मित यह डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म संभल मस्जिद हत्याकांड में हुई हिंसा को दर्शाती है.