Sambhal News Today: संभल में बीते साल 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद का दूसरी बार सर्वे के दौरा बवाल हो गया था. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अधिकारियों के साथ, पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हो गए थे. भीड़ ने इस दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. मामले की जांच के बाद पुलिस अब तक 79 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
पुलिस ने बीते दिनों शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पूछताछ के लिए बुलाया था, इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. जेल में बंद जफर अली के जमानत पत्र पर आज गुरुवार (27 मार्च) को कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले जिला कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता ने दावा किया कि सदर जफर अली के खिलाफ गंभीर आरोप हैं.
जफर अली के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट में साक्ष्य के आधार पर शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली के जमानत याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सदर जफर अली के खिलाफ 24/11 की हिंसा में शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं. दूसरी तरफ जफर अली के वकील उनके बेकुसूर होने के दावा करते हुए कोर्ट से जमानत देने का अनुरोध करेंगे.
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जफर अली के भाई ने लगाए गंभीर आरोप
इससे पहले मुरादाबाद जेल में बंद जफर अली के परिजनों ने जेल प्रशासन से उनसे कारागार में मुलाकात न करने देने के आरोप लगाए थे. इतना ही नहीं परिजनों ने जफर अली की जान को खतरा बताया था. जफर अली के भाई मोहम्मद ताहिर अली ने कल बताया था कि परिजनों को जेल में उनसे मुलाकात नहीं करने दिया जा रहा है.
मोहम्मद ताहिर अली ने कहा, "जेल में जफर की जान को खतरा है. उनकी उम्र 70 साल है और उन्हें दवा भी उपलब्ध नहीं कराने दिया जा रहा है. पुलिस बदतमीजी के साथ पेश आ रही है." ताहिर ने कहा कि संभल हिंसा मामले की जांच में जफर अली ने हर वक्त प्रशासन की भरपूर मदद की और उसी का इनाम जफर को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि न्यायालय से न्याय मिलेगा. मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है.
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