trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02045629
Home >>Muslim News

UP में हलाल प्रोडक्ट के बैन पर SC ने सरकार को किया तलब; फैसले को दी गई है चुनौती

Supreme Court on Halal Product: यूपी के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, आयुक्त के कार्यालय ने खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30 (2) (ए) के तहत पिछले साल 18 नवंबर को एक अधिसूचना जारी की.

Advertisement
UP में हलाल प्रोडक्ट के बैन पर SC ने सरकार को किया तलब; फैसले को दी गई है चुनौती
Tauseef Alam|Updated: Jan 05, 2024, 06:48 PM IST
Share

Supreme Court on Halal Product: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में निर्यात के लिए निर्मित उत्पादों को छूट देते हुए हलाल प्रमाणपत्र वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर बैन लगाने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली दो अलग-अलग पिटीशन पर आज यानी 5 जनवरी को राज्य सरकार से जवाब मांगा है. 

यूपी के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, आयुक्त के कार्यालय ने खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30 (2) (ए) के तहत पिछले साल 18 नवंबर को एक अधिसूचना जारी की. याचिकाएं सुनवाई के लिए जस्टिस बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष पेश की गयी, जिसने योगी सरकार, केंद्र और दूसरे को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा.

शुरुआत में पीठ ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वकीलों से सवाल किया कि सुप्रीम कोर्ट को संविधान के आर्टिकल 32 के तहत उनकी याचिकाओं पर सुनवाई क्यों करनी चाहिए और उन्होंने पहले हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया. इस पर एक याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इस मुद्दे का पूरे इंडिया पर असर पड़ा है और इसका व्यापार तथा वाणिज्य पर भी असर पड़ा है.

पीठ ने कहा, "हाईकोर्ट के आदेश का भी पूरे इंडिया पर असर पड़ता है. यदि मान लीजिए कि हाईकोर्ट किसी दस्तावेज पर रोक लगाता है तो वह रोक पूरे देश में लागू रहेगी.’’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतर-राज्यीय व्यापार और वाणिज्य के मुद्दे पर भी उच्च न्यायालय विचार कर सकता है. इस पर वकील ने दलील दी कि इस मुद्दे पर SC को ही गौर करने की आवश्यकता है और उसे इस पर विचार करना होगा कि ऐसी अधिसूचना जारी की जा सकती है या नहीं.

पीठ ने याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए मामले पर सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद की तारीख तय की. बहरहाल, उसने एक वकील के इस गुजारिश को खारिज कर दिया कि पिटीशनर्स के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए. इनमें से एक याचिका हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और दूसरे ने जबकि दूसरी याचिका जमीयत उलेमा-ए महाराष्ट्र और दूसरे ने दायर की है.

Read More
{}{}