Allahabad High Court on Zafar Ali Case: संभल हिंसा मामले में जेल में बंद शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद उनकी जमानत मंजूर कर ली. जफर अली पिछले चार महीने से मुरादाबाद जेल में बंद हैं.
जफर अली के वकील इरशाद अहमद ने जानकारी दी कि कोर्ट ने राज्य पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया. जफर अली को कोतवाली संभल में दर्ज हिंसा और दंगा फैलाने के मुकदमे में जेल भेजा गया था. कोर्ट के फैसले के बाद जफर अली का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.
जफर अली ने हालिया दिनों जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था. कोर्ट को दी गई अर्जी में जफर अली ने कहा था कि वह बेगुनाह हैं और उन्हें संभल हिंसा में बेवजह फंसाया गया है, जिससे मुकदमें की जो जांच है वह सही ढंग से न होनी पाए.
जफर अली की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की बेंच ने सरकार की तरफ से पेश वकीलों की दलीलें भी सुनीं. आखिर में हाईकोर्ट इस नतीजे पर पहुंची कि जफर अली को पूरे मामले में जमानत दी जा सकती है.
बता दें, बीते साल 19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से चंदौसी सिविल कोर्ट में यह दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद दरअसल श्री हरिहर मंदिर है. कोर्ट के आदेश पर इसी दिन शाही जामा मस्जिद का पहला सर्वे हुआ, जबकि दूसरा सर्वे 24 नवंबर को किया गया.
दूसरे सर्वे के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. आरोप है कि इस दौरान पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई. उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग भी लगा दी थी.
इस हिंसक घटना के बाद पुलिस ने जफर अली समेत 96 लोगों को जेल भेजा. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल समेत 40 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया, जबकि 2 हजार 750 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
18 जून को एसआईटी ने 1 हजार 128 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सांसद बर्क समेत 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है. हालांकि, विधायक के बेटे सुहैल इकबाल का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं है. इस मामले में एसआईटी ने 23 मार्च 2025 को जफर अली से चार घंटे तक पूछताछ की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. अब चार महीने बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.
ये भी पढ़ें: धर्मांतरण गैंग नहीं, सत्य के ज्ञान से पियूष सिंह बन गया मोहम्मद अली; टीवी पर कबूलनामा