West Bengal News Today: कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार (3 जून) को शर्मिष्ठा पनौली से जुड़े मामले पर सुनवाई की. कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह कानून की छात्रा शरमिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी से जुड़ी केस डायरी 5 जून को अदालत में पेश करे. इस दिन शर्मिष्ठा पनौली की अंतरिम जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई होगी.
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी की बेंच के सामने हुई. हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई के बाद फिलहाल पनौली को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा,"हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम दूसरों की भावनाएं आहत करें."
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार शरमिष्ठा पनौली के कथित बयान पर अब और कोई नया मामला दर्ज नहीं करेगी. जस्टिस मुखर्जी ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
शर्मिष्ठा पनोली के वकील ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ दर्ज की गई शिकायत में कोई स्पष्ट आपराधिक मामला नहीं बनता है. उन्होंने बताया कि यह मामला सोशल मीडिया पर भारत और पाकिस्तान के नागरिकों के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई बहस से जुड़ा है.
शर्मिष्ठा के वकील ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के सोशल मीडिया यूजर्स के बीच वाकयुद्ध हुआ था. यह ऑपरेशन भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. शिकायतकर्ता का आरोप है कि पनौली की सोशल मीडिया पोस्ट से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और समाज में तनाव फैला है.
आरोपी शर्मिष्ठा के वकील ने FIR को रद्द करने की मांग करते हुए दावा किया कि पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने का कोई नोटिस नहीं भेजा. उन्होंने कहा कि जिस पोस्ट को लेकर विवाद हुआ, वह 7 मई की रात को डाली गई थी और 8 मई को ही हटा दी गई थी. इसके बावजूद 15 मई को शिकायत दर्ज की गई और मात्र दो दिन बाद यानी 17 मई को गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया गया.
शर्मिष्ठा के वकील ने कहा कि शिकायत में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उनकी सोशल मीडिया कॉमेंट में क्या कहा गया था. उन्होंने दावा किया कि इसमें किसी भी तरह कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि शर्मिष्ठा की फैमिली ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी वह खतरे में हैं.
कोलकाता पुलिस ने पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.अ.) पर आपत्तिजनक और विवादित टिप्पणी करने के आरोप में शर्मिष्ठा पनौली को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. फिलहाल कोर्ट ने उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पनौली के वकील ने यह भी बताया कि उनके खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में कम से कम चार FIR दर्ज की गई हैं.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने कहा कि शिकायत में गंभीर आपत्तिजनक वीडियो और टेक्स्ट शामिल हैं, जो अपराध की श्रेणी में आते हैं. इसी आधार पर निचली अदालत ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अब देखना होगा कि 5 जून को हाईकोर्ट क्या फैसला लेता है.