Sanjauli Hearing: शिमला की संजौली मस्जिद मामले में आज अहम सुनवाई होनी है. ये सुनवाई जिला कोर्ट में होनी वाली है. इससे पहले इस मामले में सेशन कोर्ट में 26 मई को सुनवाई हुई थी. इस दौरान अदालत ने मस्जिद गिराने के शिमला नगर निगम आयुक्त के फैसले पर रोक लगा दी थी.
दरअसल वक्फ बोर्ड ने एक पिटीशन फाइल की थी. इसपर सुनवाई करते हुए ही सेशन कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था. अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 29 मई को घोषित की थी, जिसमें दोनों पक्षों की बहस के बाद फैसला लिया जाएगा.
पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू संगठनों की तरफ से वकील जगत पाल ने दलील दी थी कि मस्जिद को एमसी कोर्ट पहले ही अवैध घोषित कर चुकी है, ऐसे में इसे गिराया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अब तक मस्जिद का बिजली और पानी कनेक्शन क्यों नहीं काटा गया.
वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश सीनियर अधिवक्ता वीएस ठाकुर ने अदालत से अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने उन्हें 3 दिन की मोहलत दी और निर्देश दिया कि 29 मई को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद ही कोई आखिरी फैसला सुनाया जाएगा. इस केस की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश युजुविंदर सिंह की अदालत में हो रही है. अदालत ने शिमला नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में हुई कार्यवाही को लेकर 29 मई तक अपना जवाब दाखिल करे.
शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने 3 मई को आदेश जारी करते हुए संजौली मस्जिद की दो निचली मंजिलों को अवैध करार देते हुए उन्हें गिराने को कहा था. इससे पहले 5 अक्टूबर 2023 को मस्जिद की तीन ऊपरी मंजिलों को गिराने के आदेश दिए जा चुके थे.
नगर निगम का कहना है कि मस्जिद के पुराने ढांचे को गिराकर नया निर्माण किया गया, लेकिन इसके लिए निगम से कोई इजाजत नहीं ली गई. एमसी एक्ट का उल्लंघन करते हुए बिना नक्शा पास कराए तामीरी काम हुआ. निगम ने वक्फ बोर्ड को कई बार मालिकाना हक और नक्शे के दस्तावेज़ जमा करने का मौका दिया, लेकिन समय रहते कागजात पेश नहीं किए गए.