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AIMIM को गठबंधन से बाहर रखने पर बिफरी शिवसेना; कांग्रेस-RJD को दे डाली ये नसीहत

Bihar Politics: विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच बिहार में सियासी पारा हाई हो गया है. हालिया दिनों बिहार AIMIM प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस और आरजेडी के सामने महागठबंधन में शामिल करने का आग्रह किया था, लेकिन दोनों के इंकार पर शिव सेना शिंदे गुट ने दोनों दलों को आड़े हाथों लिया.  

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शिवसेना नेता संजय निरुपम (फाइल फोटो)
शिवसेना नेता संजय निरुपम (फाइल फोटो)
Raihan Shahid|Updated: Jul 17, 2025, 06:57 PM IST
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Bihar Assembly Election 2025: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रस्सकशी अभी से तेज हो गई है. सियासी दल लगातार एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. बीते दिनों राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को भारतीय जनता पार्टी  (BJP) की बी टीम बताया था. दोनों दलों के इस आरोपों के बाद सियासी पारा हाई हो गया है. 

एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम बताने पर शिवसेना ने कांग्रेस और आरजेडी को आड़े हाथों लिया. शिव सेना ने दोनों दलों पर 'अहंकार' और 'दोगलेपन' का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन में AIMIM को शामिल करने के प्रस्ताव को इन्होंने (RJD-Congress) ने ठुकरा दिया, यह उनकी अहंकारपूर्ण सियासी सोच को दर्शाता है.

'AIMIM बांटती है सेक्युलर वोट'

इससे पहले आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया था कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी लगातार सेक्युलर वोटों बांटने का काम करती है, जिसे अप्रत्यक्ष रुप से सांप्रदायिक ताकतों को फायदा मिलता है. मृत्युंजय तिवारी का यह बयान AIMIM को भी महागठबंधन में शामिल करने की पेशकश को ठुकराने के बाद आया है. कांग्रेस ने AIMIM को महागठबंधन में शामिल करने से इंकार करते हुए उन्हें एक सांप्रदायिक पार्टी बताया.

आरजेडी कांग्रेस के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिव सेना शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने कहा, "यह दुखद है कि आरजेडी और कांग्रेस बिहार को अपनी निजी संपत्ति समझते हैं." उन्होंने कहा, "AIMIM का महागठबंधन में शामिल होने का फैसला और प्रस्ताव सेक्युलर वोटों को बीजेपी और NDA के खिलाफ जोड़ने की सकारात्मक कोशिश थी, लेकिन दोनों दलों ने इसे नकार दिया."

कांग्रेस-आरजेडी पर कसा तंज

संजय निरुपम ने आगे कहा, "यह किस तरह का सेकुलरवाद है? अगर AIMIM, जो अपने आप में एक सेकुलर पार्टी है, बीजेपी को हराने के लिए मदद करना चाहती है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए." उन्होंने कहा, "असदुद्दीनओवैसी को नकारकर आरजेडी और कांग्रेस ने अपना अहंकार दिखाया है. अब वे AIMIM पर बीजेपी का साथ देने के आरोप लगाने के हकदार नहीं हैं."

संजय निरुम ने कहा, "असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली AIMIM भले ही हैदराबाद बेस्ड है, लेकिन उसे देश के किसी भी हिस्से में चुनाव लड़ने का संवैधानिक अधिकार है. आरजेडी महाराष्ट्र में चुनाव लड़ती है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी कई राज्यों में चुनाव लड़ती हैं, जिनमें महाराष्ट्र भी शामिल है. तो ओवैसी को क्यों अलग किया जाए?" उन्होंने कहा, "सियासत में अहंकार नहीं होना चाहिए. दुख की बात है कि महागठबंधन में एकजुटता और शालीनता के लिए कोई जगह नहीं बची है."

'पाकिस्तान की आलोचना से कांग्रेस नाराज'

शिव सेना नेता कृष्णा हेगड़े ने भी AIMIM को बीजेपी की बी टीम कहने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा,"कांग्रेस AIMIM को बीजेपी की बी-टीम इसलिए कहती है क्योंकि सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की तारीफ की थी और ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया था. उन्होंने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की आलोचना की, जिससे कांग्रेस नाराज हो गई."

हेगड़े ने आगे कहा, "सच तो यह है कि कांग्रेस घबराई हुई है. अगर AIMIM महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनी, तो यह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी. यहां तक कि जेडीयू नेताओं ने भी माना है कि एनडीए बिहार में सत्ता वापसी करने की स्थिति में है."

AIMIM ने लालू यादय से की थी पेशकश

यह बयान AIMIM के महागठबंधन में शामिल होने के औपचारिक प्रस्ताव के बाद आए हैं. AIMIM के बिहार इकाई अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को लिखे पत्र में गठबंधन में शामिल करने का आग्रह किया था, ताकि सेकुलर वोटों का बंटवारा न हो.

जैसे-जैसे 2025 बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, कई AIMIM नेता सार्वजनिक रूप से महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी शुरू होने की बात कही है. हालांकि, 14 जुलाई को असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया ब्लॉक पर हमला करते हुए बिहार चुनाव से पहले गठबंधन में शामिल होने की संभावना से इंकार कर दिया था.

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